Navi Mumbai International Airport : मुंबई और आस-पास के इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए आज (25 दिसंबर, 2025) का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। सालों के इंतज़ार और कई डेडलाइन मिस होने के बाद, नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NMIA) से आखिरकार कमर्शियल फ्लाइट्स शुरू हो गई हैं। यह खास क्रिसमस गिफ्ट न सिर्फ मुंबई के एयर ट्रैफिक पर दबाव कम करेगा, बल्कि सपनों के शहर मुंबई को भारत का पहला ऐसा महानगर भी बना देगा, जिसके पास दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट होंगे।
नवी मुंबई एयरपोर्ट से हैदराबाद के लिए एक फ्लाइट रवाना हुई।
पहले ही दिन, चार बड़ी एयरलाइंस – इंडिगो, एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा एयर और स्टार एयर – यहां से डोमेस्टिक फ्लाइट्स ऑपरेट कर रही हैं। नवी मुंबई एयरपोर्ट से पहली उड़ान सुबह 8:55 बजे हुई। यह इंडिगो की फ्लाइट हैदराबाद के लिए थी। एयरपोर्ट टर्मिनल सुबह करीब 6:40 बजे यात्रियों के लिए खोला गया।
पहले दिन 30 फ्लाइट्स शेड्यूल हैं। Navi Mumbai International Airport
एयरपोर्ट मैनेजमेंट के मुताबिक, पहले दिन कुल 30 एयर ट्रैफिक मूवमेंट (आगमन और प्रस्थान) शेड्यूल हैं, जिसमें 15 प्रस्थान शामिल हैं। शुरुआती चरण में, एयरपोर्ट सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक ऑपरेट करेगा। इस दौरान, इसमें रोज़ाना 24 शेड्यूल फ्लाइट्स और प्रति घंटे 10 एयरक्राफ्ट मूवमेंट को संभालने की क्षमता होगी। फिलहाल, NMIA देश के 9 शहरों से जुड़ा है, और धीरे-धीरे इसे 13 डेस्टिनेशन तक बढ़ाने की योजना है।
एयरपोर्ट आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। Navi Mumbai International Airport
लगभग 1160 हेक्टेयर में फैला, एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग भारत के राष्ट्रीय फूल, कमल की थीम पर आधारित है, और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। अपनी भव्यता के अलावा, यह एयरपोर्ट टेक्नोलॉजी के मामले में भी बेजोड़ है। यात्रियों को DigiYatra की सुविधा मिलेगी, जिससे बिना किसी कागज़ के पेपरलेस और कॉन्टैक्टलेस एंट्री हो सकेगी। टर्मिनल के अंदर खाने-पीने और शॉपिंग के लिए भी खास इंतज़ाम किए गए हैं, जिसमें स्थानीय स्वाद और किफायती कीमतों का ध्यान रखा गया है।
एयरपोर्ट बनाने की लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये है।
लागत और भविष्य की योजना के अंतर्गत अडानी ग्रुप और CIDCO की साझेदारी में बने इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के पहले चरण की लागत लगभग ₹19,650 करोड़ आई है। पहले फेज़ में सालाना 20 मिलियन यात्रियों को संभालने की क्षमता है, लेकिन आने वाले सालों में सभी पांचों फेज़ पूरे होने के बाद यह आंकड़ा 90 मिलियन तक पहुंच जाएगा।
