Diwali Firecrackers Side Effects : दीवाली पर लोग आतिशबाजी करते हैं। बड़ों से लेकर बच्चे तक दीवाली पर पटाखे जलाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं पटाखों का धुंआ सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। पटाखों को जलाने के बाद उनसे निकलने वाला धुंआ पर्यावरण को दूषित कर देता है। पटाखों का धुंआ हवा में घुल कर ऑक्सीजन की लेयर को प्रभावित करता है जो सीधे हमारी सेहत पर असर डालता है। अगर आप भी दीवाली पर पटाखे जलाने के शौकीन हैं तो आपके लिए पटाखों से निकलने वाले धुएं के साइड इफेक्ट्स के बारे में जानना जरूरी है।
सेहत के लिए हानिकारक है पटाखों का धुआँ (Diwali Firecrackers Side Effects)
दीवाली पर सभी लोग कई तरह के पटाखे जलाते हैं। इनमें कुछ ज्यादा धुंआ निकलने वाले पटाखे भी होते हैं। इन पटाखों से निकलने वाला धुआँ सेहत के लिए हानिकारक होता है। पटाखों का धुआँ फेफड़ों और आँखों को ज्यादा नुकसान पहुँचाता है। कई लोग पटाखों से निकलने वाले धुएं से अंधेपन का शिकार तक हो जाते हैं। पटाखों में बारूद भरा होता है। बारूद जलने का धुआँ इन्हेल करने के कारण कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है।
पटाखों के धुएं से प्रभावित हो रही ऑक्सीजन
हर रोज पर्यवारण में मौजूद ऑक्सीजन दूषित होती जा रही है। ऑक्सीजन में हानिकारक गैस घुलने के कारण लोग सांस संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहें हैं। पर्यावरण को हम और आप मिलकर दूषित कर रहें हैं। स्वास्थ्य रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि हर साल दीवाली पर्व के दौरान होने वाली आतिशबाजी से निकलने वाला धुआँ पर्यावरण को प्रभावित कर रहा है। बारूद वाले पटाखों के धुएं से ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जा रही है।
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बच्चों को अंधा कर सकते हैं पटाखे (Diwali Firecrackers Side Effects)
पटाखों के धुएं से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। ख़ासकर बच्चों के लिए पटाखों का धुआँ अधिक हानिकारक होता है। दीवाली पर बच्चों के हाथ में पटाखे देने से पहले उसके हानिकारक नुकसान (Harms of Firecrackers) जान लेना जरूरी है। पटाखे प्रदूषण बढ़ाने के साथ-साथ आपके बच्चों को अंधा बना सकते हैं। जी हां, डॉ. नीरज संदूजा (एमबीबीएस, एमएस, ओफ्थल्मोलॉजिस्ट , एंड ऑय सर्जन, विआन ऑय एंड रेटिना सेंटर) का कहना है कि पटाखों का धुआँ आँखों के लिए हानिकारक है। पटाखों का धुआँ हानिकारक केमिकल छोड़ता है जो सीधे आँखों में जलन पैदा करता है। इससे आँखों में दर्द, रेडनेस, खुजली और इन्फेक्शन हो सकता है। लंबे समय तक धुएं के संपर्क में रहने से आंखों में लगातार सूखापन की समस्या हो सकती है, जो देखने में कठिनाई और आंखों को और भी कई नुकसान पहुंच सकते हैं।
पटाखों के धुएं से हो सकता है अस्थमा
पटाखों का निर्माण बारूद के मसाले से किया जाता है। इसलिए पटाखों के धुएं में हानिकारक तत्व जैसे लेड और बेरियम होता है। ये तत्व आँखों के संपर्क में आने पर आँखों को नुकसान पहुँचाते हैं। इसके अलावा पटाखों के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फ़र डाइऑक्साइड, और पार्टिकुलेट मैटर जैसे खतरनाक पदार्थ होते हैं। ये पदार्थ सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकते हैं। इससे व्यक्ति अस्थमा का शिकार भी हो सकता है।
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