जीतू पटवारी पर FIR: अशोकनगर में दलित युवक को झूठा बयान देने के लिए उकसाने का आरोप

FIR Against Jeetu Patwari: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) के खिलाफ अशोकनगर जिले के मुंगावली थाने में एक सनसनीखेज मामले में FIR दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक दलित युवक को रिश्वत देकर सरपंच और उनके बेटे पर मानव मल खिलाने का झूठा आरोप लगवाया। इस घटना ने मध्य प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है।

क्या है मामला?

मुंगावली थाना क्षेत्र के बरवाई मूडरा गांव के गजराज लोधी (Gajraj Lodhi) ने शपथ पत्र देकर दावा किया कि 25 जून 2025 को कुछ कांग्रेस नेताओं ने उन्हें ओरछा ले जाकर जीतू पटवारी से मिलवाया। गजराज के अनुसार, पटवारी ने उन्हें सरपंच और उनके बेटे पर मानव मल खिलाने का झूठा आरोप लगाने के लिए प्रेरित किया और इसके बदले बाइक और आर्थिक मदद का वादा किया। गजराज ने बाद में अपने शपथ पत्र में कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी और यह आरोप पूरी तरह झूठा था।

पुलिस की कार्रवाई

अशोकनगर के पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार जैन (SP Vineet Kumar Jain) ने बताया कि गजराज लोधी ने 27 जून को कलेक्टर को शपथ पत्र सौंपकर इस बात का खुलासा किया। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद जीतू पटवारी और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। इन धाराओं में झूठे सबूत पेश करने और जातिगत वैमनस्य फैलाने की साजिश जैसे आरोप शामिल हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और जल्द ही अन्य आरोपियों की पहचान की जाएगी।

जीतू पटवारी का जवाब

जीतू पटवारी ने इस FIR को सत्ता का दुरुपयोग करार दिया है। उन्होंने कहा, “जहां भी दलितों और किसानों पर अत्याचार होता है, वहां विपक्ष को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। मेरे खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं।” पटवारी ने इसे बीजेपी सरकार की साजिश बताया और कहा कि वह इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।

सोशल मीडिया पर हंगामा

इस घटना ने सोशल मीडिया, खासकर एक्स पर, तीखी प्रतिक्रियाएं उकसाई हैं। कुछ यूजर्स ने इसे कांग्रेस की “घटिया राजनीति” (Dirty Politics) करार दिया, जबकि अन्य ने पटवारी का समर्थन करते हुए इसे बीजेपी की “फर्जी FIR” (Fake FIR) रणनीति बताया। एक यूजर ने लिखा, “जीतू पटवारी हर मजलूम के साथ खड़े होते हैं, इसलिए बीजेपी डरकर फर्जी केस दर्ज कर रही है।” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “पटवारी की सच्चाई सामने आ गई, झूठे आरोप लगाकर सियासत चमकाने की कोशिश नाकाम रही।”

पटवारी द्वारा इस मामले को लेकर पहले किया गया एक एक्स पोस्ट, जिसमें उन्होंने बीजेपी नेता बृजेंद्र यादव (Brijendra Yadav) के समर्थकों पर दलित युवक के साथ अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया था, ने इस मामले को और तूल दे दिया। इसके जवाब में अशोकनगर पुलिस ने सोशल मीडिया पर सफाई दी कि गजराज का आरोप झूठा पाया गया। इस पूरे प्रकरण ने मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी जंग को और तेज कर दिया है।

क्या होगी अगली कार्रवाई?

पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है। गजराज के शपथ पत्र और एक वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस का दावा है कि पटवारी ने सामाजिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश की। दूसरी ओर, कांग्रेस ने इसे दलितों की आवाज दबाने की साजिश करार दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला मध्य प्रदेश की सियासत में आने वाले दिनों में और गरमा सकता है, खासकर जब पटवारी पहले भी कई विवादों में फंस चुके हैं।

इस घटना ने न केवल जीतू पटवारी की छवि पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि मध्य प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर कितना गहरा हो सकता है।

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