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Letter of condolence: लोकसभा में वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman का जवाब

VITTMANTRI

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 8 फ़रवरी को लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था पर 59 पेज का श्वेत पत्र पेश किया। इसमें बताया गया है कि जब 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी. इकोनॉमीक मिसमैनेजमेंट और करप्शन था. श्वेत पत्र के अनुसार UPA सरकार हतोत्साहित करने वाले निवेश माहौल ने घरेलू निवेशकों को विदेशों में अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया।

Finance Minister’s reply on the white paper: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने श्वेत पत्र पर लोकसभा में चल रही बहस में जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि पहले की यूपीए सरकार सत्यानाश करके गई, हमने इसे सुधारा है. आज ये लोग मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं. कोल माइंस एक्ट पास करवाया। डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फंड स्टैबिलिश किया। विदेशी फंडिंग की शुरुआत हुई, क्योंकि हमने 100 फीसदी एफडीआई कर दी. वित्तमंत्री ने ये भी कहा कि साल 2009 से 9 बार ऑक्शन में कोल ब्लॉक का एलोकेशन हुआ. पीछे के दरवाजे से मेरे भाई, मेरे बहन, मेरे भतीजे को एलोकेशन नहीं दिया है और आज ये हमें क्रोनिक कैपिटलाइजेशन पर ज्ञान देते हैं.

Finance Minister’s reply on the white paper: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 8 फ़रवरी को लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था पर 59 पेज का श्वेत पत्र पेश किया। इसमें बताया गया है कि जब 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी. इकोनॉमीक मिसमैनेजमेंट और करप्शन था. श्वेत पत्र के अनुसार UPA सरकार हतोत्साहित करने वाले निवेश माहौल ने घरेलू निवेशकों को विदेशों में अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया। बार-बार नीतिगत बदलावों के कारण इंडस्ट्रियलिस्ट्स ने इंडोनेशिया और ब्राजील जैसे देशों में निवेश का रूख किया।

2014 में जब मोदी सरकार आई तो उसने कठोर फैसले लिए, जिससे अर्थव्यवस्था पटरी पर आई. देश की अर्थव्यवस्था अब दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं से शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में पहुंच गई है. हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है.

श्वेत पत्र के तीन पार्ट

पार्ट A

2009 से 2014 के बीच महंगाई चरम और पर रही

1. UPA सरकार को अधिक सुधारों के लिए तैयार एक स्वस्थ्य अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी, लेकिन उसने अपने दस साल में इस नॉन परफ़ॉर्मिंग बना दिया। 2004 में जब UPA सरकार ने अपना कार्यकाल शुरू किया तो इकोनॉमी 8% की दर से बढ़ रही थी. 2004 से 2008 तक इकोनॉमी तेजी से बढ़ी और महंगाई भी कम थी. फिर 2008 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद किसी भी तरह से हाई इकोनॉमी ग्रोथ को बनाए रखने के लिए UPA सरकार ने आर्थिक नींव को गंभीर रूप से कमजोर कर दिया। ऐसी ही एक नींव जिसे UPA सरकार ने बुरी तरह कमजोर कर दिया था, वह थी प्राइस स्टेबिलिटी। 2009 से 2014 के बीच महंगाई चरम और पर रही और इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ा.

24,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग 1997 से 2002 तक NDA शासन के दौरान बने थे

2. UPA सरकार ने भविष्य के लिए इंफ्रस्ट्रक्चर के निर्माण में अपनी विफलता स्वीकार की. सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका के जवाब में UPA सरकार ने कहा था कि लगभग 40,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों में से 24,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग 1997 से 2002 तक NDA शासन के दौरान बने थे. इसके बाद UPA सरकार के पिछले दस वर्षों में केवल लगभग 16,000 किलोमीटर जोड़े गए हैं.

1अप्रैल 2010 से GST लागू करने का वादा किया था

3. UPA सरकार ने 1 अप्रैल 2010 से GST लागू करने का वादा किया था. देश भर से 26 पार्टियों का गठबंधन होने के बावजूद, UPA सरकार 1 अप्रैल 2010 को GST लागू करने में विफल रही. इससे स्ट्रक्चरल रिफॉर्म बाधित हुआ. हमारी सरकार आने तक वन नेशन, वन मार्केट सिस्टम को प्राप्त करने की आकांक्षा एक अवास्तविक लक्ष्य बनकर रह गई.

पार्ट B

कोल ब्लॉक्स के आवंटन में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार किया गया था

1. इसमें निजी कंपनियों को सरकार की ओर से कोल ब्लॉक्स के आवंटन में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार किया गया था. CAG के अनुमान के अनुसार इससे सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. यह बात 2012 में सामने आई थी. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे 204 आवंटन रद्द कर दिए. 47 मामलों में से 14 मामलों में अभियुक्तों को ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया है.

रचना और दस्तावेज़ीकरण में भ्रष्टाचार किया गया

2. खेलों से संबंधित विभिन्न प्रोजेक्ट की रचना और दस्तावेज़ीकरण में भ्रष्टाचार किया गया. इससे यह इवेंट प्रभावित हुआ. 8 मामलों में आरोप पत्र दायर किए गए जो दिल्ली की अदालतों में विचाराधीन हैं.

भ्रष्टाचार के मामले अपीलीय अदालत में है

3. इसमें सरकार को लगभग 1.76 लाख करोड़ के संभावित राजस्व का नुकसान हुआ. नुकसान का अनुमान CAG ने 3G स्पेक्ट्रम की दरों के आधार पर लगाया है. भ्रष्टाचार के मामले अपीलीय अदालत में है.

पार्ट C

2014 में भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी

1. 2014 में जब से हमारी सरकार ने सत्ता संभाली है, तब से भारतीय अर्थव्यवस्था में कई स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स हुए हैं, जिससे अर्थव्यवस्था के फंडामेंटल्स मजबूत हुए हैं. 2014 में भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, जो 2023 में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई. IMF के अनुमान के मुताबिक 2027 तक इसके तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है.

2015 में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति 12 किलोमीटर प्रति दिन थी

2. हमारी सरकार के नेशन फर्स्ट के दृष्टिकोण ने भारत के इंफ्रस्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स ईकोसिस्टम की क्वालिटी को बदल दिया है, जो देश के लिए इन्वेस्टमेंट अट्रैक्ट करने और ग्लोबल वैल्यू चेन में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने में महत्वपूर्ण है. उदाहरण के लिए, जब हमारी सरकार ने वित्त वर्ष 2015 में कार्यभार संभाला था, तब राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति 12 किलोमीटर प्रति दिन थी. वित्त वर्ष 2023 में निर्माण की गति 2.3 गुना से अधिक बढ़कर 28 किलोमीटर प्रति दिन हो गई.

ग्लोबल कमोडिटी की कीमतें काफी बढ़ गई हैं

3. FY14 और FY23 के बीच औसत वार्षिक महंगाई 5.0% रही है जो FY04 और FY14 के बीच 8.2% थी. जियोपॉलिटिकल डेवलपमेंट के कारण ग्लोबल कमोडिटी की कीमतें काफी बढ़ गई हैं, नहीं तो औसत महंगाई और भी हम होती। सरकार ने सप्लाई सोर्सेज में डायवर्सिफिकेशन और प्रमुख फ़ूड आइटम्स के बफर को मजबूत करके महंगाई को कंट्रोल में रखा है.

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