आखिरकार मिल ही गया Trump के Tariff का तोड़! जानें ऐसा क्या करेगी सरकार?

Trump Tariffs: लंबे समय के बाद सरकार ने ट्रंप के टैरिफ का तोड़ निकालना शुरू कर दिया है. जी हां सरकार जल्द ही निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक योजना शुरू कर सकती है. इस योजना में ₹2,250 करोड़ खर्च होंगे. गौरतलब है की एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी साझा की है. इसका मकसद भारतीय उद्योगों को ट्रंप के टैरिफ से होने वाले नुकसान से बचाना है.

क्या बताया अधिकारी ने

अधिकारी ने बताया की, हम Exporters (निर्यातक ) से बात कर रहे हैं. हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि हम उन्हें कैसे बेहतर तरीके से मदद कर सकते हैं. हम कारोबार करने को आसान बनाने जैसे तरीकों पर ध्यान दे रहे हैं. हम घरेलू खपत को बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार कर रहे हैं.

कैसा है प्लान?

दरअसल इस योजना में कई चीजें शामिल हो सकती हैं. जैसे कि MSME और E-Commerce Exporters के लिए आसान लोन योजनाएं. विदेशों में वेयरहाउसिंग की सुविधा और वैश्विक ब्रांडिंग पहल भी इसमें शामिल हो सकती हैं. इससे Export के नए मौके मिलेंगे. सरकार ने 1 फरवरी को 2250 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना की घोषणा की थी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने 30 अप्रैल को निर्यात संवर्धन परिषदों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों को इस योजना के बारे में जानकारी दी थी.

दो भागों में योजना को बांटा गया है

बिजनेस से जुड़े अधिकारियों की मानें तो, इस योजना को दो भागों में बांटा गया है. पहला भाग व्यापार वित्त सहायता (NIRYAT PROTSAHAN) और दूसरा भाग अंतर्राष्ट्रीय समग्र बाजार पहुंच (NIRYAT DISHA) है.

GST में भी मिल सकती है राहत

गौरतलब है कि, सूत्रों से पहले ही जानकारी जो मिली थी कि GST परिषद जल्द ही दरों को सरल बनाने और तर्कसंगत बनाने पर विचार करने के लिए बैठक कर सकती है. मुआवजे के उपकर का भविष्य भी इस बैठक में तय हो सकता है. इससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा.

आपको बता दें कि पिछले कई दिनों में वाणिज्य मंत्रालय ने बैठकें की हैं. इन बैठकों में निर्यातकों से बात की गई है. उनसे यह जानने की कोशिश की गई कि अमेरिकी टैरिफ से उन्हें क्या परेशानियां हो रही हैं.

Tariffs से नुकसान की आशंका

Trump ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है. कपड़ा, रसायन, चमड़ा और जूते जैसे क्षेत्रों को इन टैरिफ से भारी नुकसान होने की आशंका है. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण जून में भारत का निर्यात 35.14 अरब डॉलर पर स्थिर रहा. इस दौरान व्यापार घाटा घटकर 18.78 अरब डॉलर हो गया, जो चार महीने का सबसे निचला स्तर है.

पेट्रोलियम, कपड़े, रत्न और आभूषण, चमड़ा, लौह अयस्क, तिलहन, काजू, मसाले, तंबाकू और कॉफी जैसे प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में जून के दौरान नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। इसका मतलब है कि इन चीजों का निर्यात कम हुआ है। अप्रैल-जून 2025-26 के दौरान निर्यात 1.92% बढ़कर 112.17 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 4.24% बढ़कर 179.44 अरब डॉलर हो गया।

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