FIDE World Rapid Championships 2024 : शतरंज के क्षेत्र में भारत के लिए साल 2024 यादगार साबित हुआ है। 2024 के अंत में भारत की महिला शतरंज खिलाड़ी हम्पी कोनेरू ने बड़ा कारनामा कर दिखाया। हाल ही में भारत की 18 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश विश्व चैंपियन बनी थीं। वहीं अब 37 वर्षीय हम्पी कोनेरू ने इतिहास रच दिया है। महिला शतरंज खिलाड़ी ने विश्व रैपिड शतरंज का खिताब जीत लिया है। खास बात यह है कि हम्पी ने दूसरी बार इस खिताब पर कब्जा किया है। भारत की हम्पी कोनेरू ने इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हराकर यह खिताब जीता है।
पीएम मोदी ने चैंपियन हम्पी को बधाई दी। FIDE World Rapid Championships 2024
भारत की हम्पी कोनेरू ने दूसरी बार इस खिताब पर कब्जा किया है। पहली बार हम्पी ने 2019 में जॉर्जिया में विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीती थी। अब पांच साल बाद उन्होंने फिर से इतिहास दोहराया है। हम्पी को उनकी ऐतिहासिक जीत पर देशभर से बधाई और शुभकामनाएं मिल रही हैं। डी गुकेश के बाद अब पूरा देश हम्पी की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें विश्व चैंपियन बनने पर बधाई दी है।
जीत के बाद हम्पी ने यह बात कही। FIDE World Rapid Championships 2024
अगर यह मुकाबला बराबरी पर खत्म होता तो हम्पी का पांच साल का सपना टूट जाता। उन्हें जीत की जरूरत थी और उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी इरिन सुकंदर को हराकर शानदार जीत हासिल की। भारतीय ग्रैंडमास्टर ने 11 में से 8.5 अंकों के साथ चैंपियनशिप का समापन किया। हम्पी कोनेरू ने दूसरी बार विश्व रैपिड खिताब जीतने के बाद खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत खुश और उत्साहित हूं क्योंकि यह मेरा दूसरा विश्व रैपिड खिताब है। मैंने 2019 में भी जीता था।’ इसके अलावा 37 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, ‘मेरे करियर में, जब भी मैं निचले स्तर पर होती हूं और सोचती हूं कि मैं हार रही हूं, तो कोई चमत्कार होता है और मैं वापसी करती हूं। इससे मुझे आगे लड़ते रहने की प्रेरणा मिलती है।
पुरुष वर्ग में वोलोडर मुर्जिन ने इतिहास रच दिया।
भारत की हंपी कोनेरू ने विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप के महिला वर्ग में अपना जलवा दिखाया तो वहीं पुरुष वर्ग में वोलोदर मुरजिन ने इतिहास रच दिया। रूस के वोलोदर महज 18 साल की उम्र में विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन बन गए। वह नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के बाद यह खिताब जीतने वाले दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी हैं। नोदिरबेक 17 साल की उम्र में FIDE विश्व रैपिड चैंपियन बन गए थे।