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मऊगंज में सामंतवादी बर्बरता: युवक को चोरी के आरोप में नंगा घुमाकर वीडियो बनाया, पुलिस और नेताओं की चुप्पी

Feudal barbarity in Mauganj

Feudal barbarity in Mauganj

Feudal barbarity in Mauganj: मध्य प्रदेश के नवगठित मऊगंज जिले में हनुमना थाना क्षेत्र के लासा अंतर्गत कोनि गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने समाज को शर्मसार कर दिया है। यादव जाति के एक युवक को सरहंगों ने मामूली सब्जी चोरी के आरोप में नृशंसता से पीटा, निर्वस्त्र कर पूरे गांव और सड़कों पर नंगा घुमाया। इतना ही नहीं, अपराधियों ने इस अमानवीय कृत्य का वीडियो भी बनाया। घटना के महीनों बीत जाने के बावजूद हनुमना पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि पूर्व और वर्तमान विधायक चुप्पी साधे हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना सामंतवादी युग की काली यादें ताजा कर रही है, जहां अपराधी की जाति तय करती है कि न्याय होगा या नहीं।

जानकारी के मुताबिक कोनि गांव में रहने वाले मनीष यादव (उम्र अनुमानित 25-30 वर्ष) पर सरहंगों ने सब्जी चोरी का आरोप लगाया। पहले तो उन्हें लाठी-डंडों से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया। उसके बाद निर्वस्त्र कर गांव की गलियों और सड़कों पर पैदल घुमाया गया। सरहंग खुद लाठियां लिए साथ-साथ चल रहे थे, ताकि पीड़ित भाग न सके। इस दौरान सैकड़ों ग्रामीणों ने यह नजारा देखा, लेकिन किसी ने विरोध नहीं किया।आरोपियों में लालमणि कुशवाहा, सोहन लाल कुशवाहा, हीरालाल कुशवाहा, रामप्रसाद कुशवाहा और कृष्णा कुशवाहा जैसे सरहंग प्रमुख नाम शामिल हैं। कुशवाहा समुदाय का कोनि गांव में मजबूत दबदबा होने के कारण दोनों राजनीतिक दलों के नेता उन्हें वोट बैंक मानते हैं। यही वजह है कि इस घटना को दबाया जा रहा है। पीड़ित पक्ष के अनुसार, वीडियो वायरल होने के बावजूद पुलिस ने केवल औपचारिक जांच का बहाना बनाया है।

यह घटना रीवा जिले से अलग होकर बने मऊगंज जिले की पहली बड़ी सामाजिक विडंबना है। याद दिला दे कि पूर्व में सीधी जिले में आदिवासी युवक के साथ ऐसी ही घटना घटी थी, जो मानवाधिकारों का उल्लंघन साबित हुई। लेकिन यहां जातिगत पूर्वाग्रह ने मामले को और जटिल बना दिया।

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