रीवा: रबी सीजन की बुवाई से पहले खाद संकट गहराया, किसान परेशान, प्रशासन पर विफलता के आरोप

Fertilizer crisis deepens before Rabi sowing season

Fertilizer crisis deepens before Rabi sowing season: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में रबी फसलों की बुवाई शुरू होने से ठीक पहले खाद संकट ने एक बार फिर किसानों को परेशान कर दिया है। प्रशासन की ओर से पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने में विफलता के कारण वर्तमान में डीएपी (DAP), एनपीके (NPK) जैसी महत्वपूर्ण खादों का पूर्णतः अभाव हो गया है। रबी की बुवाई 15 अक्टूबर से प्रारंभ होने वाली है, लेकिन सहकारी समितियों और निजी दुकानों पर इनकी एक बोरी भी उपलब्ध नहीं है, जिससे हजारों किसान चिंतित हैं।स्थानीय किसान संगठनों के अनुसार, विंध्य क्षेत्र में बढ़ती सिंचाई सुविधाओं के कारण अब तीनों सीजन में खेती हो रही है, जिससे खाद की मांग में भारी इजाफा हुआ है।

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हालांकि, राज्य स्तर पर रबी 2024-25 के लिए 16.43 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध होने का दावा किया गया है, जिसमें 1.38 लाख मीट्रिक टन DAP और 2.70 लाख मीट्रिक टन NPK शामिल हैं, लेकिन रीवा जैसे जिले में यह स्टॉक किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि DAP की कमी का मुख्य कारण आयात पर निर्भरता, लाल सागर में संकट और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में उछाल (430 से 630-640 डॉलर प्रति टन) है, जिससे कंपनियां कम आयात कर रही हैं। साथ ही, सब्सिडी में अपर्याप्त बढ़ोतरी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।

किसानों ने बताया, “पिछले साल भी यूरिया के लिए मारामारी हुई थी, अब DAP-NPK की कमी से गेहूं-सरसों की बुवाई प्रभावित होगी। सरकार ने आश्वासन दिया था, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है।” जिला प्रशासन ने कहा है कि नई रैक जल्द पहुंचेंगी और वैकल्पिक उर्वरक जैसे नैनो DAP या SSP की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन किसान इन्हें पसंद नहीं कर रहे क्योंकि ये दानेदार DAP जितने प्रभावी नहीं माने जाते। इस संकट से रीवा के अलावा सतना, सीधी जैसे आसपास के जिलों में भी हड़कंप मच गया है। किसान संगठन प्रशासन से तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं, वरना आंदोलन की चेतावनी दी है।

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