Site icon SHABD SANCHI

हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन नहीं रहें

MS Swaminathan

MS Swaminathan

Story Of MS Swaminathan: फादर ऑफ़ ग्रीन रिवॉल्यूशन और पूर्व राज्यसभा सांसद मनकोम्बु संबासिवन स्वामिनाथन (MS Swaminathan) का 28 सितंबर को निधन हो गया. स्वामीनाथन का काफी समय से उम्र संबंधी बीमारी का इलाज चल रहा था।

60 के दशक में देश में भारत को अकाल से बचाने के लिए स्वामीनाथन और उनके दोस्त नॉर्मन बोरलॉग को ही श्रेय दिया जाता है. प्रोफेसर स्वामीनाथन ने धान की ज्यादा उपजाऊ किस्मों को विकसित किया था. स्वामीनाथन एक प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक और पौधों के अनुवांशिकी विज्ञानी (Plant Geneticist) थें। 60 के दशक में स्वामीनाथन हरित क्रांति की सफलता के लिए दो केंद्रीय कृषि मंत्रियों, सी सुब्रमण्यम और जगजीवन राम के साथ मिलकर भारत को अकाल से बचाया था।

संभाले थे कई प्रमुख पद

स्वामीनाथन अपने कार्यकाल के दौरान कई प्रमुख पदों पर काबिज रहे थे। वो भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का निदेशक (1961-1972), आईसीआर के महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव (1972-79), कृषि मंत्रालय के प्रधान सचिव (1979-80) नियुक्त किया गया।


पुलिस ऑफीसर बनाना चाहते थे स्वामीनाथन

प्रो. स्वामीनाथन का जन्म तमिलनाडु शहर कुंभकोणम में 7 अगस्त 1925 को हुआ था. उनके पिता डॉ एम.के. सांबसिवन एक सर्जन थे। उनकी माता थंगम्मल घर संभालती थीं। कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन की स्कूली शिक्षा पैतृक गांव से हुई. उनके पिता की स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी और महात्मा गांधी के प्रभाव के चलते उनकी रुचि कृषि विज्ञान में गहराई। तभी से उन्होंने इस विषय में गंभीरता दिखाई।

कृषि क्षेत्र में दिलचप्सी बढ़ने से पहले प्रो स्वामीनाथन पुलिस अफसर बनना चाहते थे और उन्होंने पुलिस सेवा के लिए परीक्षा क्वालीफाई भी कर ली थी. खैर किस्मत में तो उनके कृषि वैज्ञानिक बन भारत में हरित क्रांति लाने जैसा महान कार्य लिखा था। स्वामीनाथन को 1987 में कृषि क्षेत्र के सबसे उच्च सम्मान ‘विश्व खाद्य पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। जिसके बाद उन्होंने स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की।

उन्हें एच.के. फिरोदिया पुरस्कार, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार, और इंदिरा गांधी पुरस्कार समेत रमन, मैग्सेसे और अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले हैं। भारत सरकार ने भी उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। दुनिया की प्रख्यात TIME मैगजीन ने केवल तीन भारतीयों को 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली एशियंस की लिस्ट में शामिल किया था। इस लिस्ट में स्वामीनाथन के साथ रविंद्र नाथ टैगोर और महात्मा गांधी शुमार थे.

Exit mobile version