भारत में किसान आंदोलन को लगभग 300 दिन होने को आए हैं। इतने दिनों में देश में बहुत कुछ बदल गया सिवाए किसानो के प्रदर्शन के। महीने बदले मौसम बदला पर किसान हरियाणा पंजाब सीमा पर अपनी मांगो को लेकर वैसे ही बने रहें। इन्ही सब के साथ अपनी मांगो को लेकर अड़े हुए किसानो का प्लान 8 दिसंबर दिल्ली कूच का रहा।
किसानों का जत्था दिल्ली की तरफ बढ़ा :
चूंकि केंद्र ने उनके मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत शुरू नहीं की है, इसलिए 101 किसानों का एक ‘जत्था’ शंभू बॉर्डर से 8 दिसंबर की दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर शुरू किया.
इससे पहले किसानों का यह जत्था 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर निकला था, लेकिन शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने उन्हेंआगे बढ़ने से रोक दिया था। ..इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की. पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें कम से कम 16 किसान घायल हो गए इस बीच किसानो और पुलिस के बीच जमकर तनातनी भी हुई और पुलिस ने सख्त रुख भी अपनाया बावजूद इन सब के किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है और शंभू बॉर्डर पर दिल्ली जाने के लिए अड़े हुए हैं। हालंकि शनिवार को भी किसानो ने दिल्ली कूंच की कोशिश की थी पर अम्बाला के पास उन्हें रोक दिया गया। इस दौरान टेयर गैस का इस्तेमाल किया गया और फिर मजबूरन किसानो का जत्था वापस लौट आया।
मिडिया को दूर रखने के निर्देश :
इन सब में मिडिया कर्मियों को दूर रखने की भी कोशिश की गयी बता दें की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हरियाणा के DGP ने पंजाब के DGP को एक चिट्ठी लिखी है और अनुरोध किया है की मिडिया कर्मियों को प्रदर्शन स्थल से कम से कम 1 किलो मीटर दूर रखा जाये ताकि सुरक्षा और कानून व्यवस्था दोनों बनाई जा सके।
इसपर शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने क्या कहा सुनिए;
इन सब के अलावा प्रदर्शन में पुलिस और किसानो के बीच जम कर बहस हुई इस लिए क्योंकि पुलिस का कहना है कि पहले इनको Identify करेंगे. उसके बाद ही दिल्ली जाने दे सकते हैं और पुलिस का कहना ये भी है की हमारे पास लिस्ट आई थी ये वो आदमी नहीं हैं। जिनके नाम लिस्ट में शामिल हैं ये अपनी पहचान नहीं करा रहे हैं. यही वजह है की हमने किसानो को रोक रखा है।
पुलिस कर्मियों ने क्या कहा सुनिए ;
इस दौरान शम्भू बॉर्डर पर एक किसान ने परमीशन के लिए लिस्ट को लेकर पुलिस को सरासर गलत ठहरा दिया। प्रदर्शनकारी किसान ने जो कुछ कहा सुनिए ………….
सिर्फ लिस्टेड लोगों की परमिशन को लेकर सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि,
”हमने अपनी लिस्ट पहले ही मीडिया को जारी की थी. अगर उनका कोई चेकिंग करके आगे भेजने का निर्णय है, तो पहले हमको बता देते. हमने खुद कहा था, की चेकिंग आकर लो और आगे जाने दो. लेकिन आपने करना कुछ नहीं हैं, न जाने देना है. ये उचित नहीं हैं हमने अनुशासन दिखाया है आगे भी रखेंगे आज ये ज्यादा आंसू गैस के गोले फेंक रहे हैं. धमाका बहुत जोर से हुआ. किसी भी बलिदान के लिए हम लोग तैयार हैं. पुलिस झूठ बोल रही है, 101 % झूठ है. वही किसान गए हैं जो हमने भेजे हैं समाधान प्रधानमंत्री जी के पास है. हमको दिल्ली कूच करने दें. या तो समस्या हल करें”
पहलवान बजरंग पुनिया ने किसानो का समर्थन किया
इनके साथ ही चल रहे किसानो की मांग को लेकर पहलवान बजरंग पुनिया का भी रिएक्शन सामने आया है उन्होंने इस को लेकर X पर वीडियो ट्वीट किया।
क्या है किसानो की मांग?
- किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी चाहिए।
- स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू किया जाए।
- किसानों के कर्ज़ माफ़ किए जाएं।
- बिजली दरों में बढ़ोतरी न हो।
- किसानों और खेत मज़दूरों को पेंशन दी जाए।
- लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले।
- 2020-21 के आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवज़ा मिले।
- भूमि अधिग्रहण के मामले में उचित मुआवज़ा मिले।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ लागू किए जाएं।
- हाई पावर कमेटी की सिफ़ारिश लागू की जाए।
- पिछले प्रदर्शनों में दर्ज हुए पुलिस मामलों को वापस लिया जाए।