रीवा। सहकारी समितियों में जमा की गई किसानों की राशि को खुर्दबुर्द किए जाने पर विरोध तेज हो गया है। बतादें कि मऊगंज जिले के पांच समितियों में 3355 किसानों की ओर से करीब 10.61 करोड़ रुपए की राशि जमा कराई गई थी। अब यह राशि वापस नहीं की जा रही है, कहा जा रहा है कि राशि नहीं है। ऐसे में भाजपा के मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल मुखर हो गए हैं और क्षेत्र के प्रभावित लोगों के साथ गुरुवार देर शाम सहकारिता विभाग के कार्यालय पहुंचकर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक इसका कोई निराकरण नहीं होगा वह यहां से नहीं जाएंगे, चाहे जितने दिन इसमें लग जाएं। विधायक के इस तरह से कार्यालय पहुंचने और फिर धरने पर बैठने से अधिकारियों के भी होश उड़ गए। सहकारिता की संयुक्त आयुक्त, उपायुक्त और सहकारी बैंक के सीईओ सहित अन्य अधिकारियों ने वस्तु स्थिति से अवगत कराया फिर भी वह देर रात तक कार्यालय में बैठे रहे। जिसके चलते अधिकारियों को भी आफिस में ही रुकना पड़ा। विधायक के इस तरह से कार्यालय में बैठने की सूचना अधिकारियों ने भोपाल स्थित मुख्यालय को दी, जहां से अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके बाद भी विधायक अपनी मांगों पर अड़े रहे।
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यह है मामला
दरअसल मऊगंज जिले की 5 सेवा सहकारी समितियों द्वारा कई वर्ष पहले अमानतदारों से एफडी और बचत बैंक खाते में राशि जमा कराई गई थी। राशि की जरूरत पड़ने पर लोग जब समितियों के पास पहुंचते हैं तो कहा जा रहा है कि पूर्व में ही उक्त राशि खर्च हो चुकी है। मऊगंज की पांच समितियों गौरी, हर्दी, हटवा, पटेहरा देवरा एवं टटिहरा आदि में राशि जमा कराई गई थी। अब कहा जा रहा है कि राशि वापस करने के लिए पैसे उपलब्ध नहीं है। इसकी शिकायत लेकर सहकारी बैंक के सीईओ सहित अन्य अधिकारियों और कलेक्टर से भी शिकायत हुई थी। लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है और पैसों के लिए लोग भटक रहे हैं।
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