Farmer’s income in Satna is Rs 3 per year!: सतना जिले की कोठी तहसील में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां नयागांव निवासी किसान रामस्वरूप को जारी आय प्रमाण पत्र में उनकी वार्षिक आय मात्र 3 रुपये (मासिक 25 पैसे) दर्शाई गई। 22 जुलाई 2025 को तहसीलदार सौरभ द्विवेदी के हस्ताक्षर वाला यह प्रमाण पत्र न केवल रामस्वरूप के लिए झटका साबित हुआ, बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। इस हास्यास्पद गलती ने सरकारी दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया और विश्वसनीयता को कटघरे में ला खड़ा किया है।
आय प्रमाण पत्र में अविश्वसनीय गलती
रामस्वरूप ने कोठी तहसील में आय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। 22 जुलाई को जारी प्रमाण पत्र में उनकी सालाना आय 3 रुपये दर्शाई गई, जो मासिक आधार पर 25 पैसे बैठती है। इस अकल्पनीय त्रुटि ने न केवल रामस्वरूप को स्तब्ध कर दिया, बल्कि कुछ ही घंटों में यह प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोग इस गलती को लेकर तहसील प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाने लगे। प्रमाण पत्र में उल्लेख था कि यह जानकारी आवेदक के घोषणा पत्र के आधार पर दी गई, लेकिन बिना सत्यापन के इतना हास्यास्पद दस्तावेज जारी करना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाता है।
शिकायत के बाद सुधार, मगर सवाल बरकरार
रामस्वरूप ने तहसील कार्यालय में शिकायत दर्ज की, जिसके बाद 25 जुलाई 2025 को नया आय प्रमाण पत्र जारी किया गया। इस नए दस्तावेज में उनकी सालाना आय 30,000 रुपये, यानी मासिक 2,500 रुपये दर्शाई गई। हालांकि गलती सुधार ली गई, लेकिन इस घटना ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सावधानी की कमी को उजागर कर दिया। सोशल मीडिया पर लोग इस मामले को लेकर तंज कस रहे हैं, कुछ इसे “दुनिया के सबसे गरीब व्यक्ति” का प्रमाण पत्र बताकर मजाक उड़ा रहे हैं, तो कुछ प्रशासन से ऐसी गलतियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
सत्यापन प्रक्रिया पर उठे सवाल
इस घटना ने तहसील प्रशासन की सत्यापन प्रक्रिया की खामियों को सामने ला दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि आय प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी करने से पहले गहन जांच और सत्यापन जरूरी है। तहसीलदार सौरभ द्विवेदी के हस्ताक्षर वाले इस प्रमाण पत्र ने न केवल प्रशासन की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाई, बल्कि आम लोगों के बीच सरकारी कार्यालयों के प्रति अविश्वास को भी बढ़ाया।
सोशल मीडिया पर चर्चा और मांग
सोशल मीडिया पर इस मामले ने व्यापक चर्चा छेड़ दी है। लोग तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं और ऐसी गलतियों को रोकने के लिए सख्त नियमों और डिजिटल सत्यापन प्रणाली की मांग कर रहे हैं। कई यूजर्स ने इस घटना को प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक बताया और कहा कि यदि समय पर सुधार न हुआ तो भविष्य में ऐसी त्रुटियां गंभीर परिणाम भुगत सकती हैं।
सतना: किसान की आय 3 रुपये सालाना! तहसील का वायरल आय प्रमाण पत्र उजागर करता है प्रशासनिक लापरवाही
