Delhi Noida Traffic Jam: भारी संख्या में दिल्ली की ओर कूच करने वाले किसानो को पुलिस ने नोएडा नै दलित प्रेरणा स्थल के पास रोक दिया है. किसानो के इस प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग कर रखा है. इसकी वजह से नोएडा के मुख्य सड़कों पर जाम देखने को मिल रहा है. प्रशासन ने एहतियातन धारा 144 लागू कर दिया है.
इस बीच नोएडा प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानो से बातचीत करने की कोशिश तेज कर दी है. प्रशासन का कहना है कि आप के मुद्दे नोएडा और ग्रेटर नोएडा से जुड़े हुए हैं. इसलिए दिल्ली न जाए.
लेकिन किसान अपनी बातों पर लगाता अड़े हुए है और कह रहे हैं कि अगर बातें नहीं मानी जायेगी तो बैरिकेडिंग क्रॉस करेंगे और दिल्ली कूच करेंगे। किसानो के इस प्रदर्शन को सुखबीर यादव ‘खलीफा नेतृत्व कर रहे हैं.
क्या है किसानो की शर्ते?
सुखबीर खलीफा ने कहा कि जब तक पुलिस हमारे गिरफ्तार लोगों को नहीं छोड़ेगी, तब तक हम पुलिस से बातचीत नहीं करेंगे। एक महिला प्रदर्शकारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बैरिकेडिंग को तोड़ना हो या यहीं मरना हो, दिल्ली तो हम जा कर रहेंगे। सुखबीर खलीफा ने कहा कि 1000 लोग पहले ही बैरिकेडिंग के आगे जा चुके हैं.
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नोएडा ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी
नोएडा ट्रैफिक पुलिस (Noida Traffic) ने कहा कि किसान धरना प्रदर्शन के चलते नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के निकट स्थित समस्त स्कूली बसें अपने गंतव्य को जाने हेतु कृपया नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे का प्रयोग न करें।
पुलिस ने कहा कि दिल्ली जाने हेतु हाजीपुर अंडरपास, सेक्टर-93 अंडरपास, सेक्टर-93 अंडरपास का प्रयोग कर नोएडा शहर के आंतरिक मार्ग का प्रयोग कर गंतव्य को जा सकते हैं.
सुरक्षाबलों की भारी तैनाती
नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस, पैरामिल्ट्री फोर्स, रैपिड एक्शन फोर्स की कई कंपनियों को तैनात किया गया है. पुलिस ने किसानो को रोकने के लिए कई लेयर बैरिकेड इंतजाम किये गए हैं. एंटी राइट टीम और वज्र वाहन की तैनाती के साथ सीमेंट के बड़े-बड़े ब्लॉक सड़क पर लाये गए हैं.
कौन हैं प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शनकारी किसान गौतमबुद्ध नगर के हैं. ये अपनी मांगो को लेकर संसद तक जाना चाहते हैं. वहीं नोएडा पुलिस की कोशिश है कि प्रदर्शकारी किसान दिल्ली में दाखिल न हो। पुलिस लगातार यह कोशिश कर रही है कि किसानो से बात कर इस मार्च को रोका जाए. PTI के मुताबिक , नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान दिसम्बर, 2023 से स्थानीय विकास प्राधिकरण की तरफ से अधिग्रहित अपनी भूमि के बदले अधिक मुआवजे और विकसित भूखंड देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.