युवा किसान शुभकरण सिंह की 21 फरवरी को खनौरी सीमा पर सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के बीच मौत हो गयी थी हालाँकि मौत का कारण अभी सामने नहीं आया है लेकिन घटना के बाद से किसान आक्रोशित हैं और उन्होंने आज यानि 23 फरवरी को ‘ब्लैक डे’ मनाएंगे।शुभकरण सिंह की मौत के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा और पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने पुलिस कार्यवाई को लोकतंत्र की हत्या बताया था.
कौन थे शुभकरण सिंह?
शुभकरण सिंह भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर के कार्यकर्ता थे और विरोध प्रदर्शन में अक्सर भाग लिया करते थे.2021 के प्रोटेस्ट में भी वो शामिल थे.13 फरवरी को शुभकरण खनौरी पहुंचे थे.वहां वो रसोई में काम करते थे.शुभकरण की माँ पहले ही गुज़र गयी थी और पिता मानसिक रोग से ग्रसित हैं.लोगों ने बताया कि शुभकरण गरीब परिवार से आते थे और घर में अकेले कमाने वाले थे.
पंजाब सरकार ने नौकरी और मुआवजे की घोषणा की
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मृतक के परिवार को 1 करोड़ रूपए मुआवज़े के रूप में देने की बात कही.साथ ही में शुभकरण की छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी और दोषियों के ऊपर उचित कार्यवाई करने का आश्वासन भी दिया गया है.
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खनौरी बॉर्डर पर एक और किसान की मौत
13 फरवरी से धरने पर बैठे बठिंडा जिले के गांव अमरपुरा के 62 साल के किसान दर्शन सिंह की मौत हो गयी है.उनके परिवार पर 8 लाख का कर्ज है.कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपने बेटे की शादी की थी.
सुनील जाखड़ ने मौत को दुखद बताया
पंजाब के भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने शुभकरण सिंह की मौत पर शोक जताते हुए कहा कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की मांग करता हूँ.
किसानों पर NSA के तहत कार्यवाई का फैसला वापस!
हरियाणा सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर उनसे ही इसकी भरपाई की बात कही थी और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाई करने की बात भी कही थी लेकिन अब उसे वापस ले लिया गया है.