फेमस प्लेबैक सिंगर Alka Yagnik ने खोई अपनी सुनने की क्षमता, जानिए किस गंभीर बीमारी का हुईं शिकार

Playback singer Alka Yagnik

Famous playback singer Alka Yagnik loses her hearing ability: मशहूर प्लेबैक सिंगर अलका याग्निक (Playback singer Alka Yagnik) ने अपने सुनने की क्षमता खो दी है। इस की पुष्टि उन्होंने स्वयं की है। साथ एक पोस्ट में शेयर करते हुए तेज आवाज में गाना सुनने वालों को भी कुछ नसीहतें और हिदायतें दी हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखते हुए बताया कि एक वायरल अटैक के बाद उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें कुछ सुनाई नहीं दे रहा। जिसके बाद उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया। तब मालूम हुआ कि उन्हें Sensorineural nerve hearing loss नाम बीमारी हो गई है। यह बीमारी काफी रेयर है। साथ ही उन्होंने पोस्ट में तेज आवाज में गाना सुनने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। जानते हैं इन इस अजीब बीमारी के बारे में –

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अलका याग्निक की बीमारी
मशहूर प्लेबैक सिंगर अलका याग्निक (Playback singer Alka Yagnik) को रेयर सेंसरिनुरल नर्व हियरिंग लॉस (Sensorineural nerve hearing loss) हुआ है। इस बीमारी में कान के भीतरी भाग से दिमाग तक जाने वाली नस डैमेज हो जाती है। इस बीमारी के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि –

  • बढ़ती उम्र के कारण भी नसों का डैमेज हो जाती हैं।
  • किसी वायरल इंफेक्शन (Viral infection) जैसे मेनिनजाइटिस, खसरा और मेनियार्स रोग जैसी ऑटोइम्यून (Autoimmune) बीमारियों के बाद नसों का डैमेज हो जाती हैं।
  • सिर या कान में चोट की वज़ह से भी नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
  • कुछ दवाइयों के कारण भी कान में आंतरिक कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है, जो बहरेपन का कारण बन सकती हैं।
  • लंबे समय तक तेज आवाज़ या शोर के संपर्क में रहने से भी कानो को नुकसान हो सकता है।

तेज म्यूजिक सुनना हो सकता है ख़तरनाक
तेज आवाज में संगीत सुनना हर किसी के लिए ख़तरनाक हो सकता है। हेडफोन या म्यूजिक सिस्टम पर यदि तेज आवाज में कोई गाने सुनाता है तो उसे Sensorineural nerve hearing loss नाम बीमारी हो सकती है। दरअसल, रेयर सेंसरिनुरल नर्व हियरिंग लॉस (Sensorineural nerve hearing loss ) बीमारी की मुख्य वज़ह कान के उन नसों का नुकसान होना जो कि ब्रेन तक जाती हैं। जब कोई तेज आवाज में गाना सुनाता है तो उसकी नसें भी डैमेज हो सकती हैं। इसलिए यदि आप भी तेज आवाज में गाना सुनते हैं तो ना बंद कर दें और लंबे समय तक हेडफोन लगाकर गाना सुनने की आदत है तो उसे भी छोड़ दें।

क्या इस बीमारी का उपचार है ?
जैसा कि हम पहले ही जान चुके हैं कि यह एक दुर्लभ बीमारी है। इसलिए इसके ठीक होने की संभावना बहुत कम होती है। national library of medicine के मुताबिक कुछ मामलों जैसे कि वायरस इंफेक्शन में इस तरह की समस्या पूरी तरह से ठीक होने के साथ सुनने की क्षमता भी लौट सकती है। लेकिन, दुर्भाग्य से यह बीमारी ( रेयर सेंसरिनुरल नर्व हियरिंग लॉस ) आमतौर पर स्थायी होती है और ये पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाती। हालांकि, आंशिक उपचार के रूप में कई विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें दवाएं, कॉक्लियर इम्प्लांट और हियरिंग डिवाइस (Cochlear Implant and Hearing Device) आदि शामिल हैं।

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