Falahari Singhade ke Aate ka Cheela Recipe A Healthy Fasting Delight – व्रत या उपवास के दौरान शरीर को हल्का, पोषणयुक्त और ऊर्जा देने वाला भोजन चाहिए होता है। सिंघाड़े का आटा (Water Chestnut Flour) एक ऐसा ही फलाहारी विकल्प है जो न केवल पचने में आसान है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है। इससे बना “फलाहारी चीला” न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि उपवास में भी पेट को भरा-भरा रखता है। यह चीला व्रत में खाने योग्य सामग्रियों जैसे सेंधा नमक, हरी मिर्च, आलू और दही के साथ तैयार किया जा सकता है। चाहे सुबह का नाश्ता हो या शाम की भूख ,यह रेसिपी हर मौके के लिए उपयुक्त है। आइए जानते हैं इसे कैसे बनाया जाता है।
फलाहारी सिंघाड़े का चीला बनाने की आवश्यक सामग्री – Ingredients for 2 Servings
- सिंघाड़े का आटा – 1 कप
- उबले आलू – 2 (मैश किए हुए)
- दही – 2 बड़े चम्मच (ऐच्छिक)
- हरी मिर्च – 1 बारीक कटी हुई
- हरा धनिया – 2 चम्मच (कटा हुआ)
- सेंधा नमक – स्वादानुसार
- घी या देशी तेल – चीला सेंकने के लिए
- अदरक – ½ चम्मच (कद्दूकस किया हुआ, ऐच्छिक)
- पानी – मिश्रण गाढ़ा घोलने हेतु
फलाहारी सिंघाड़े का चीला बनाने की विधि – Recipe
ऐसे तैयार करें –
एक बाउल में सिंघाड़े का आटा लें,उसमें उबले व मैश किए आलू, दही, हरी मिर्च, अदरक और हरा धनिया मिलाएं। सेंधा नमक डालें और आवश्यकता अनुसार पानी मिलाकर मध्यम गाढ़ा घोल तैयार करें। (पकोड़े जैसा न हो, और बहने जैसा भी नहीं) अब तवा गरम करें,नॉन-स्टिक तवा गरम करें और थोड़ा घी लगाएं। अब एक कड़छी मिश्रण तवे पर डालें और चम्मच से हल्का फैला दें।सेकनें के लिए ,धीमी आंच पर चीले को 2-3 मिनट तक सेंकें जब तक एक तरफ से सुनहरा न हो जाए,अब पलटें और दूसरी तरफ भी घी लगाकर सेंकें दोनों तरफ कुरकुरा हो जाने पर प्लेट में निकालें। इसे परोसना कैसे हैं ये प्रिपरेशन भी बहुत महत्वपूर्ण हैं जिसमें दही, व्रत वाली चटनी (मूंगफली या नारियल) या फलाहारी आलू की सब्ज़ी के साथ गरमा गरम परोसें।
उपयोगी सुझाव – Tips & Variations
- दही नहीं डालना चाहें तो सिर्फ पानी से घोल बनाएं।
- आलू की जगह कद्दूकस की हुई लौकी या कच्चे केले भी मिलाए जा सकते हैं।
- चीला पतला फैला कर बनाएं तो कुरकुरा और स्वादिष्ट बनता है।
- नवरात्रि, महाशिवरात्रि या एकादशी व्रत के लिए सर्वोत्तम रेसिपी है।
स्वास्थ्य लाभ – Health Benefits – सिंघाड़ा आटा आयरन और फाइबर से भरपूर होता है, जो व्रत में पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। उबले आलू कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत हैं जो ऊर्जा बनाए रखते हैं। घी शरीर को गर्म रखने और स्वाद बढ़ाने का काम करता है। यह रेसिपी बिना प्याज-लहसुन की होती है और शुद्ध सात्विक भोजन का हिस्सा मानी जाती है।
विशेष – Conclusion –“फलाहारी सिंघाड़े के आटे का चीला” एक ऐसा उपवास व्यंजन है जो स्वाद, पोषण और परंपरा, तीनों का सुंदर संगम है। इसे बनाना आसान है और स्वाद में इतना समृद्ध कि उपवास के बिना भी इसे शामिल किया जा सकता है। अगली बार जब उपवास का दिन आए, इस हेल्दी और स्वादिष्ट रेसिपी को जरूर आजमाएं।