पान मसाला-सिगरेट पर एक्स्ट्रा टैक्स, वित्त मंत्री बोलीं- ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए फंड, कारगिल जैसी कमी न हो

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National Security Cess Bill 2025: लोकसभा में शुक्रवार को धमाकेदार बहस के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल’ पास होने की घोषणा की। (National Security Cess Bill 2025) ये बिल पान मसाला, सिगरेट जैसे हानिकारक उत्पादों पर अतिरिक्त टैक्स (सेस) लगाने का है, जिससे ये चीजें महंगी होंगी। सीतारमण ने साफ कहा, “ये सेस राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए फंड जुटाएगा, ताकि 1990 के दशक या कारगिल युद्ध जैसी स्थिति में बजट की कमी से हथियार-गोला-बारूद की 70-80% कमी न हो।” बिल से प्राप्त राजस्व का 40% जीएसटी के अलावा पान मसाला इकाइयों पर लगेगा, जो पूरी तरह सुरक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं में खर्च होगा।

सीतारमण ने लोकसभा में स्पीच देते हुए कहा, “हम नहीं चाहते कि भारत में वो स्टेज फिर कभी लौटे, जब आर्मी को संसाधनों की कमी हो। मॉडर्न वॉरफेयर के लिए टेक्निकल इंस्ट्रूमेंट्स जरूरी हैं, जैसे ऑपरेशन सिंदूर में।” (Nirmala Sitharaman Statement) बिल का मकसद हानिकारक वस्तुओं (डीमेरिट गुड्स) पर सेस लगाकर फंड जुटाना है, बिना आवश्यक वस्तुओं या आम नागरिकों पर बोझ डाले। भारत में तंबाकू-सिगरेट से हर साल 13.5 लाख मौतें होती हैं (सिगरेट से 10 लाख+), 25.3 करोड़ स्मोकर्स हैं – ये सेस स्वास्थ्य बोझ कम करेगा और राज्यों के साथ शेयर होगा।

बिल का उद्देश्य: क्यों जरूरी?

  • राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत: कारगिल युद्ध (1999) में बजट कमी से तैयारी प्रभावित हुई। अब सेस से फंड सुनिश्चित, ताकि जनरलों की बताई कमी दूर हो।
  • स्वास्थ्य सुरक्षा: स्मोकिंग से कैंसर, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, अस्थमा का खतरा; जीवन प्रत्याशा घटती है (1 सिगरेट से 20 मिनट कम)।
  • आर्थिक फायदा: सेस से फंड जुटाकर अर्थव्यवस्था पर बोझ कम, जीएसटी काउंसिल की सिफारिश पर आधारित।

सेस कैसे लगेगा और फंड का उपयोग

  • सेस रेट: पान मसाला, सिगरेट पर अतिरिक्त 40% (जीएसटी के अलावा), पान मसाला इकाइयों पर स्वास्थ्य-राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर।
  • फंड उपयोग: पूरा पैसा रक्षा बजट में – हथियार, गोला-बारूद, इक्विपमेंट। स्वास्थ्य योजनाओं के लिए राज्यों के साथ शेयर। सीतारमण: “ये फंड देश की सुरक्षा में ही खर्च होगा।”
  • अपेक्षित राजस्व: स्पष्ट आंकड़े नहीं, लेकिन हानिकारक उत्पादों पर फोकस से करोड़ों का फंड जुटेगा।

कीमतों पर प्रभाव: क्या महंगा होगा?

  • पान मसाला-सिगरेट महंगे: उपभोक्ताओं पर सीधा असर, लेकिन सरकार ने इनकम टैक्स-जीएसटी में छूट बढ़ाई।
  • आम नागरिक सुरक्षित: आवश्यक वस्तुओं पर कोई सेस नहीं – बोझ सिर्फ हानिकारक प्रोडक्ट्स पर।
  • स्वास्थ्य लाभ: स्मोकिंग घटेगी, मौतें कम, अर्थव्यवस्था पर ₹1 लाख करोड़+ का सालाना बोझ घटेगा।

कार्यान्वयन: कब से लागू?

  • बिल शुक्रवार को लोकसभा में पास, तत्काल प्रभाव से लागू। जीएसटी काउंसिल की मंजूरी के बाद रूल्स नोटिफाई होंगे – 2026 से फुल रोलआउट।

विपक्ष की ठोंक और सीतारमण का जवाब

  • हनुमान बेनीवाल (आरएलपी): “सेलेब्रिटी विज्ञापन पर रोक लगाएं, पान मसाला महंगा करने का विरोध।”
  • शशिकांत सेंथिल (कांग्रेस): “बिल समझना मुश्किल, PMLA जैसे क्लॉज – वापस लो।”
  • सीतारमण का पलटवार: “ये केवल डीमेरिट गुड्स पर है। देश की सुरक्षा जरूरी, PM ने लाल किले से मिशन सुदर्शन चक्र की बात की।”

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