Expected GDP growth 2025-26 6.5%: कुछ समय से वैश्विक पटल पर काफी अनिश्चितता का दौर चल रहा है। वैश्विक आर्थिक अस्थिरता (global economic instability) के बावजूद भी भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में घोषणा की है कि आने वाले समय में भारत की आर्थिक स्थिति बेहतर होने वाली है। जी हां, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने बताया है कि आने वाले वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत की GDP 6.5% की दर से वृद्धि करेगी। हालांकि यह अनुमान 6.7% (GDP 2025-26)के अनुमान से थोड़ा कम है परंतु फिर भी RBI द्वारा जारी की गई इस घोषणा से इतना स्पष्ट होता है कि आने वाले समय में भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता।

RBI देगी मौद्रिक नीति में ढील बढ़ेगा भारतीय बाजार( Indian market growth)
RBI ने अपने विश्लेषण में यह भी स्पष्ट किया है कि भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती का मुख्य कारण घरेलू मांग और भारतीय निवेश में वृद्धि है। वहीं पिछले कुछ समय से कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव भी देखे जा रहे हैं जिसकी वजह से खुदरा मुद्रा स्थिति की संरचना 34% पर आ गई है। इसी के चलते आने वाले समय में आरबीआई मौद्रिक नीति में ढील देने वाला है जिससे आर्थिक विकास को समर्थन मिलेगा और उम्मीद की जा रही है कि इन्हीं सभी कदमों से आने वाले समय में भारत की जीडीपी 6.5% पर पहुंच जाएगी।
अमेरिका की टैरिफ नीति से नही पड़ेगा ज्यादा असर
जैसा कि हम सब जानते हैं अमेरिका ने हाई टैरिफ नीति (Donald trump USA tarrif policy) लागू कर दी है जिसकी वजह से देश दुनिया भर की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और इसी के चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत की जीडीपी वृद्धि भी 20 से 40 अंक तक घट सकती है। परंतु बावजूद इसके घरेलू मांग की बढ़ोतरी की वजह से यह उम्मीद की जा रही है कि भारत की GDP में निश्चित रूप से वृद्धि होगी। हालांकि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ की वजह से GDP वृद्धि में 0.2% से 0.5% की कमी आ सकती है। इसको देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया जल्द ही मौद्रिक नीति लागू कर देगा।
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वहीं दूसरी और मौसम विभाग की माने तो इस बार मानसून भी काफी मजबूती से आएगा जो कृषि के लिए वरदान साबित होगा। ऐसे में कृषि क्षेत्र में भी बढ़ोतरी दिखाई देगी। ज्यादा बेहतर फसलों के होने की वजह से उत्पादन बढ़ेगा और खाद्य मुद्रास्फीति में भी स्थिरता आएगी। वहीं हाल ही में गेहूं और चावल की अपेक्षा से अधिक भंडारण की वजह से खाद्यान्न की मूल्य में भी स्थिरता देखी जा रही है जिसकी वजह से यह कहा जा सकता है कि फिलहाल भारत की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत हो रही है और भारत को अब निर्यात पर कम निर्भर होना पड़ रहा है। ऐसे में बाहरी घटकों की अनिश्चिता से भारतीय अर्थव्यवस्था का बचाव होगा।
कुल मिलाकर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद भी घरेलू मांग, नियंत्रित मुद्रास्फीति, सक्रिय मौद्रिक नीति के चलते आने वाले समय में भारत की GDP 6.5% तक पहुंच जाएगी जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ी खुशखबरी साबित हो सकती है।