MP News: मैहर जिले के आदित्य नारायण पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिसमें उन्होंने EWS कोटे के उम्मीदवारों के लिए राहत की मांग की थी। जबलपुर हाईकोर्ट ने EWS के उम्मीदवारों को यूपीएससी की परीक्षाओं में छूट देने संबंधी सभी 17 याचिकाएं खारिज कर दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि SC, ST, OBC की तरह EWS को भी आयु सीमा में छूट देने का कोई प्रावधान नहीं है।
MP High Court News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के उम्मीदवारों को यूपीएससी की परीक्षाओं में छूट (ews age limit in upsc) देने संबंधी सभी 17 याचिकाएं खारिज कर दी है। जबलपुर हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि SC, ST, OBC की तरह EWS को भी आयु सीमा में छूट देने का कोई प्रावधान नहीं है। साथ ही हाईकोर्ट ने सेंट्रल OBC की तरह स्टेट OBC उम्मीदवारों को UPSC परीक्षा में 9 अटेम्प्ट देने की मांग को भी खारिज कर दिया।
बता दें कि मध्यप्रदेश के मैहर जिले के आदित्य नारायण पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिसमें उन्होंने EWS कोटे के उम्मीदवारों के लिए राहत की मांग की थी। बता दें कि 2025 में 25 मई को 979 पदों के लिए UPSC की प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जा रही है।
कोर्ट ने फैसले में क्या कहा ?
कोर्ट ने कहा, SC, ST, OBC को मिलने वाला आरक्षण दोनों (राज्य और केंद्र) में अलग-अलग होता है, इसलिए राज्य में मिलने वाली सुविधाओं को केंद्र में लागू करने का दावा नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, EWS उमीदवारों को आयु में छूट देने या ज्यादा अटेम्प्ट (ews attempt in upsc) देने का कोई संवैधानिक या कानूनी प्रावधान नहीं है। इसलिए ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को SC, ST, OBC जैसी छूट UPSC परीक्षा में नहीं दी जा सकती।
इससे पहले 18 फरवरी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने EWS उम्मीदवारों को बड़ी अंतरिम राहत दी थी। इसमें सिविल सेवा परीक्षा-2025 (UPSC) में EWS वर्ग के उम्मीदवारों को SC, ST, OBC वर्ग के उम्मीदवारों की तरह 9 अटेम्प्ट और आयु सीमा में 5 साल की छूट का मौका देने की बात कही गई थी। हालांकि यह कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं था।
सीनियर एडवोकेट ने क्या कहा
कोर्ट ने इस पूरे मामले पर फरवरी महीने में सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट ने मंगलवार को 44 पेज का फैसला सुनाया। पूरा मामला आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के आरक्षण के संबंध में है। इसमें आयु सीमा में छूट पाने की मांग की गई थी। याचिका में यूपीएससी परीक्षाओं में आयु में छूट और परीक्षा के अटेम्प्ट की संख्या में राहत देने की मांग की गई थी।