NEET UG कथित पेपर लीक मामले में NTA ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। NTA ही वह एजेंसी है जो इस परीक्षा का आयोजन करती है। वहीं, इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सीबीआई कोर्ट में पेपर लीक की बात स्वीकार कर सकती है। जांच एजेंसी का कहना है कि यह पेपर लीक छोटे स्तर पर हुआ था। स्थानीय स्तर पर हुए इस लीक तक कुछ ही छात्रों की पहुंच थी।
सीबीआई से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि पेपर बिहार के एक सेंटर से लीक हुआ था। इस मामले में यह भी आरोप है कि प्रश्नपत्र को फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया। सीबीआई कोर्ट में इससे इनकार कर सकती है। एजेंसी का कहना है कि इस पेपर लीक में सोशल मीडिया की कोई भूमिका नहीं है। इसे सोशल मीडिया पर वितरित नहीं किया गया।
मुस्लिम महिलाएं भी पति से मांग सकती हैं गुजारा भत्ता , सुप्रीम कोर्ट
NTA ने अपने Afiidavit में क्या लिखा?
“एनटीए को गोधरा और पटना के कुछ परीक्षा केंद्रों पर अनियमितताओं के बारे में पता चला था। इसलिए एजेंसी ने उन केंद्रों के सभी छात्रों के परिणामों की जांच की है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन केंद्रों पर अनियमितताओं ने परिणामों पर कोई बड़ा अंतर डाला है या नहीं। एनटीए ने अपनी जांच में पाया है कि इस कथित अनियमितता से परीक्षा पर कोई सवाल नहीं उठ सकता है। इससे गोधरा और पटना के परीक्षा केंद्रों के छात्रों को कोई अनुचित लाभ नहीं मिला है।”
केंद्र सरकार ने इस मामले में क्या कहा?
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी दोषी अभ्यर्थी को कोई अनुचित लाभ न मिले। दूसरी ओर, यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि 23 लाख विद्यार्थियों को महज संदेह के आधार पर नई परीक्षा का बोझ न उठाना पड़े।”
आईआईटी मद्रास ने इस मामले की जांच की थी। उन्होंने डेटा एनालिसिस किया और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार ने कहा है कि इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर कोई धांधली नहीं हुई है। न ही छात्रों के एक समूह को इसका फायदा हुआ है। इसके कारण किसी छात्र को असामान्य अंक नहीं मिले हैं।
केंद्र ने एक अतिरिक्त हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जुलाई के तीसरे हफ्ते में नीट काउंसलिंग शुरू हो जाएगी। और अगर इस दौरान कोई भी उम्मीदवार गड़बड़ी करता पाया जाता है तो उसे बाहर कर दिया जाएगा।