सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर

न्याजिया
मनोरंजन। शो मैन राजकपूर के बेटे होने के नाते उन्होंने बचपन से फिल्मों को बड़े ग़ौर से देखा और बतौर बाल कलाकार फिल्मों में इंट्री भी की ।
मेरा नाम जोकर तो आपको याद ही होगी जिसमें इस नन्हें से कलाकार ने अपने पापा के बचपन को पर्दे पर उकेर था और अपने अभिनय का लोहा मनवाते हुए 1970 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार जीत लिया था चर्चा तो तभी से होने लगी थी इस खूबसूरत से बच्चे की लेकिन कमाल तो जब हो गया जब राज कपूर साहब ने इस बांके जवान को बॉबी फ़िल्म में बतौर हीरो पर्दे पर उतारा ,हीरोइन के लिए भी नए चेहरे की तलाश की गई और उनकी को स्टार बनी डिम्पल कपाड़िया ,फिल्म तो सुपर डुपर हिट रही ही आपने इस बार 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी जीत लिया फिर ये चेहरा ऐसा फिल्म इंडस्ट्री में छाया कि दशकों तक उनकी रोमेंटिक हीरो की छवि बरक़रार रही जिसमें उन्होंने नगीना,चांदनी ,दामिनी जैसी , अपने अभिनय सजी यादगार फिल्में दीं बेशक़ ये कोई और नहीं हमारे आपके चहीते ऋषि कपूर जी थे ।
जिन्होंने अभिनेत्री नीतू सिंह से सन 1980 में शादी की थी लेकिन 1973 से 1981 के बीच बारह फिल्मों में नीतू सिंह के साथ नज़र आए ।

उन्होंने 1973 और 2000 के बीच 92 फिल्मों में रोमांटिक लीड रोल किए और एक लंबी पारी खेलने के बाद भी वो थके नहीं और जब फिल्म दो दूनी चार में आए तो उन्हें 2011 का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक्स पुरस्कार दिया गया, और कपूर एण्ड सन्स में अपनी भूमिका के लिए, उन्होंने 2017 का सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता, 2008 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
उन्होंने केवल अभिनेता बनके हमारी फिल्मों में अपना योगदान नहीं दिया बल्कि , अपने पिता राजकपूर के नक़्श ए क़दम पर चलकर फ़िल्म निर्माण और निर्देशन भी किया ।

4 सितंबर 1952 को पंजाब के कपूर खानदान में मुंबई के चेम्बूर में पैदा हुए ऋषि कपूर विख्यात अभिनेता-फिल्म निर्देशक राज कपूर के पुत्र और अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के पोते थे, उनके भाई रणधीर कपूर और राजीव कपूर, मामा प्रेमनाथ और राजेन्द्रनाथ और चाचा शशि कपूर और शम्मी कपूर सभी अभिनेता रहे और ऋषि कपूर के बाद भी उनके घराने की परंपरा उनके बेटे रणबीर कपूर और बहु आलिया भट्ट निभा रहे हैं,आपको ये भी याद दिल दें कि अभिनेत्री करिश्मा कपूर और करीना कपूर इनकी भतीजियां हैं।

साल २०१८ में उन्हें कैंसर का पता चला था, जिसके बाद लगभग एक वर्ष तक न्यूयॉर्क में उनका इलाज चला मगर वो और हमारे साथ हमारी फिल्म इंडस्ट्री को रौशन करने के लिए नहीं रुक सके और 30 अप्रैल 2020 को हमें अलविदा कह गए लेकिन आख़री वक्त तक वो रुके नहीं थे इस बीच भी वे अपनी फिल्म शर्माजी नमकीन की शूटिंग कर रहे थे।
उनके चाहने वाले उनको कभी नहीं भूल पाएंगे ,वो उम्दा अदाकारी वो दिलकश चेहरा उस पर उनका निभाया हर किरदार मानों अमर लगता है ।
आज कुछ ज़्यादा याद आ रहे हों वो तो अमर अकबर एंथोनी फिल्म ही देख लीजिए या फिर और कोई , उनके उम्दा अभिनय से सजी आपकी पसंदीदा फिल्म -क़र्ज़,ये वादा रहा, बड़े दिलवाला ,सितमगर,लैला मजनू ,खेल खेल में,रफू चक्कर,प्रेम रोग ,सरगम या फिर कर लीजिएगा दीदार ए यार फिल्म में उनके चंद से चेहरे का दीदार क्योंकि शायद शेरवानी ,टोपी और रचे सुर्ख होंठों में वो बहोत जचते थे ।

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