Elon Musk’s Spacex Starship Crashed: 21वीं सदी में जब अंतरिक्ष कन्वेंशन की बात होती है तो एलन मस्क और उनकी कंपनी स्पेस एक्स का नाम सबसे पहले लिया जाता है। एक निजी कंपनी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में अलग लेवल का अनुसंधान और तकनीकी नवाचार की सीमाओं के पार स्पेसएक्स(elon musk spacex) ने एक के बाद एक ऐतिहासिक उड़ाने भरी है। स्पेसएक्स को इस पूरे काम के दौरान कई बार असफलताओं का सामना भी करना पड़ा है परंतु हर बार एक असफलता ने स्पेसएक्स को अगली सफलता के लिए तैयार किया है।

आइए जानते हैं क्या है यह पूरा मामला?
हाल ही में ऐसा ही एक और वाकया सामने आया है जब स्पेसएक्स के शक्तिशाली रॉकेट ने 27 मई 2025 को टेक्सास से उड़ान भरी तो उड़ान भरने के 10 मिनट में ही तकनीकी खराबी के चलते रॉकेट हिंद महासागर के ऊपर विघटित हो गया। यह घटना विश्व भर में एलन मस्क की असफलता(elon musk on spacex future plans) के रूप में देखी गई परंतु इसके पीछे छिपा अनुभव और डाटा भविष्य में स्पेसएक्स को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।
पाठकों की जानकारी के लिए बता दे स्पेसएक्स के एक स्पेसशिप ने हाल ही में 27 मई 2025 को स्टारशिप रॉकेट की 9 वीं परीक्षण उड़ान भरी। परंतु तकनीकी खामियों के चलते यह रॉकेट हिंद महासागर के ऊपर ही विघटन का शिकार हो गया। हालांकि इस दुर्घटना ने जहां कई सारे सवाल खड़े किए वहीं भविष्य की संभावना के द्वारा भी खोले हैं। इस दुर्घटना से एलन मस्क जरा भी निराश नहीं हुए हैं बल्कि उन्होंने भविष्य में इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने का आश्वासन भी दिया है।
क्यों हुआ यह रॉकेट परीक्षण विफल(reason of starship crash)
बात करें इस मिशन की तकनीकी खामियों की तो उड़ान का पहला चरण पूरी तरह से सफल रहा परंतु जैसे-जैसे स्टारशिप ने ऊंचाई प्राप्त की तकनीकी समस्याएं आने लगी और उड़ान के मध्य चरण में रॉकेट का दरवाजा तकनीकी कारणों से खुला नहीं जिससे संतुलन बिगड़ गया और हीलियम लीकेज की वजह से रॉकेट में दबाव की कमी आई और रॉकेट को जरूरी थ्रस्ट नहीं मिल पाया जिससे वह मार्ग भटक गया और पृथ्वी के वातावरण में दोबारा प्रवेश न कर पाया और हिंद महासागर में टूटकर बिखर गया।
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स्टारशिप की इस असफलता से एलन मस्क बिल्कुल भी निराश नहीं दिखाई दे रहे हैं बल्कि वह इसे सफलता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बता रहे हैं। उन्होंने बताया है कि स्पेसएक्स आने वाले कुछ समय में कई सारी परीक्षण उड़ाने आयोजित करने वाला है क्योंकि स्पेस की दूर दृष्टि केवल पृथ्वी की कक्षा तक सीमित नहीं है बल्कि स्टारशिप को चंद्रमा मंगल और आगे (spacex moon mission) के मिशन के लिए भी तैयार किया जाएगा। ऐसे में हर रॉकेट में आने वाली तकनीकी कमी बनने वाले दूसरे रॉकेट की तकनीकी कमी को सुधारने में मदद करती है।
कुल मिलाकर स्पेसएक्स की इस स्पेसशिप का असफल होना केवल तकनीकि दुर्घटना नहीं बल्कि वैज्ञानिक प्रक्रिया का हिस्सा है जो स्पेसएक्स की कामयाबी के लिए एक नींव के पत्थर की तरह काम करेगी।