Electricity Workers From Across Madhya Pradesh Protest In Bhopal: 13 जुलाई 2025 को भोपाल के नीलम पार्क में मध्य प्रदेश के बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों ने यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लाई एंड इंजीनियर्स के बैनर तले धरना प्रदर्शन शुरू किया है। यह आंदोलन 9 सूत्रीय मांगों को लेकर है, जिनमें प्रमुख रूप से संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण शामिल है। फोरम के अध्यक्ष वी.के.एस. परिहार ने कहा कि सरकार ने हाल ही में 50,000 नए पदों के लिए संगठनात्मक संरचना को मंजूरी दी है, लेकिन पहले से कार्यरत 5,000 अनुभवी संविदा कर्मचारियों को इन पदों पर समायोजित करने की मांग है। इसके अलावा, आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए 50% आरक्षण और पारदर्शी स्थानांतरण नीति की मांग भी की गई है।
क्या बोले फोरम के प्रवक्ता
प्रवक्ता लोकेंद्र श्रीवास्तव के अनुसार, विभाग में कार्यरत 5,000 संविदा कर्मचारी, जो लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और मेरिट के आधार पर चुने गए हैं, नियमितीकरण न होने से भविष्य को लेकर चिंतित हैं। पिछले कुछ महीनों में 100 से अधिक कर्मचारी असुरक्षित भविष्य के कारण नौकरी छोड़ चुके हैं, जिससे ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन विभाग प्रभावित हो सकते हैं। यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो बिजली आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।
क्या है फोरम की प्रमुख मांगें
- संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।
- अनुभवी कर्मचारियों को नए पदों पर समायोजित किया जाए।
- एक स्थायी स्थानांतरण नीति बनाई जाए।
- जिसके तहत गृह जिला और कंपनी-टू-कंपनी ट्रांसफर के लिए पारदर्शी नीति।
- संविदा नीति 2023 में सुधार किया जाए।
- महंगाई भत्ता (DA) और इंक्रीमेंट जोड़ा जाए।
- आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए 50% आरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
- मध्य क्षेत्र में संविदा परीक्षण सहायकों की वेतन विसंगति दूर की जाए।
- नियमित कर्मियों की तरह ही, उच्च वेतनमान और प्रमोशन लाभ मिले।
- साथ ही अवकाश लाभ भी मिले।
- राष्ट्रीय और उत्सव अवकाश पर दोगुना मानदेय।
- संविदा से नियमित भर्ती में 3 वर्ष की परीक्षा अवधि समाप्त हो।
- राजस्व सहायक और कार्यालय सहायकों को उच्च शिक्षा के आधार पर तकनीकी पद और प्रथम हायर स्केल।
बड़े आंदोलन की चेतावनी
फोरम ने चेतावनी दी है कि यदि अक्टूबर 2025 तक मांगें पूरी नहीं हुईं, तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। यह प्रदर्शन सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास है, क्योंकि पिछले एक साल से बातचीत का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है।