MP: अब मोबाइल नेटवर्क की तरह चुन सकते हैं बिजली, सरकार करने जा रही बड़ा बदलाव

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Electricity Reform Bill 2025: दूरसंचार क्षेत्र में जैसे अनेक कंपनियाँ सक्रिय हैं, उसी प्रकार अब बिजली वितरण क्षेत्र में भी निजी कंपनियों को अवसर देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए भारत सरकार विद्युत (संशोधन) विधेयक 2025 में संशोधन करने जा रही है।

Electricity Reform Bill 2025: दूरसंचार क्षेत्र की तरह अब बिजली वितरण में भी निजी कंपनियों को प्रवेश देने की तैयारी है। भारत सरकार विद्युत अधिनियम 2003 में संशोधन के लिए विद्युत सुधार बिल 2025 ला रही है। इसके तहत शासकीय उपक्रमों, निजी उद्योगों और विशेषज्ञों से आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गए हैं। सुझावों की अंतिम तिथि 14 नवंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर 2025 कर दी गई है।

टेलीकॉम की तर्ज पर बिजली बिक्री

बिल लागू होने पर बिजली कंपनियां टेलीकॉम ऑपरेटरों की तरह अलग-अलग टैरिफ तय करेंगी। उपभोक्ता अपनी पसंद की कंपनी से बिजली खरीद सकेगा। सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल के अनुसार, निजी एजेंसियां निजी संपत्ति के ऊपर से भी लाइन खींच सकेंगी। रिन्यूएबल एनर्जी का अनुपात अब केंद्रीय स्तर पर तय होगा, न कि राज्य नियामक आयोग से।

उपभोक्ताओं को मिलेंगे विकल्प

  • हर कंपनी के रेट अलग होंगे।
  • निजी कंपनियां ही मीटर रीडिंग, बिलिंग और वसूली करेंगी।
  • कम दर वाली कंपनी चुनने की स्वतंत्रता उपभोक्ता को।

संभावित नुकसान

विशेषज्ञों का कहना है कि निजीकरण से सरकारी नियंत्रण कमजोर होगा। यदि निजी कंपनियां दरें बढ़ाएंगी, तो उपभोक्ताओं के विकल्प सीमित हो सकते हैं। वितरण कंपनियों के एक लाख से अधिक कर्मचारियों का भविष्य अनिश्चित हो सकता है।

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