Election Results 2024 : चुनाव समाप्त होने के बाद अब सभी की नजर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) परिणाम पर टिकी हुई है। कल यानी 4 जून को उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा और किसकी सरकार बनेगी, यह भी तय होगा। लोकसभा चुनाव में बिहार और उत्तर प्रदेश का वोट बैंक अधिक मायने रखता है। इन दोनों राज्यों में एनडीए और इंडिया गठबंधन ने सबसे ज्यादा पसीना बहाया। यूपी 80 लोकसभा सीटों वाला बड़ा राज्य है। इस चुनाव में बीजेपी ने पूरी 80 सीटें जीतने का दावा किया था। एग्जिट पोल के अनुसार यूपी ने बीजेपी को निराश कर दिया। यहां 23 लोकसभा सीटों में बीजेपी का पलड़ा कमजोर दिख रहा है।
यूपी-बिहार से जाता है दिल्ली का रास्ता
लोकसभा चुनाव 2024 में सभी राजनीतिक दलों की नजरें उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Lok Sabha) की सीटों पर टिकी हुई हैं। इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता कि केंद्र तक पहुंचने का रास्ता यूपी और बिहार से होकर गुजरता है। साल 2014 से इन दोनों ही राज्यों की जनता भाजपा का समर्थन करती आ रही है। मगर फिर भी उत्तर प्रदेश की 23 लोकसभा सीटों पर भाजपा को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है। इस बार भी चुनाव के परिणाम (Election Results 2024) में इन सीटों पर भाजपा का पलड़ा कमजोर नजर आ रहा है।
यूपी की 23 सीटें बिगाड़ेंगी बीजेपी का खेल
यूपी लोकसभा की ये 23 सीटें समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गढ़ मानी जाती हैं। यहां हम बात कर रहें हैं अमेठी, रायबरेली, मैनपुरी, आजमगढ़, बदायूं, फ़िरोज़ाबाद, कन्नौज, श्रावस्ती, सहारनपुर, बिजनौर, लालगंज, नगीना, मुरादाबाद, घोसी, रामपुर, संभल, अमरोहा, जौनपुर, गाज़ीपुर, फूलपुर, प्रयागराज और अम्बेडकर नगर लोकसभा सीट की। इन सभी सीटों पर इस बार भाजपा को ज्यादा मेहमत करनी पड़ी है। एग्जिट पोल के अनुसार, इन सीटों पर इंडिया गठबंधन का अधिक प्रभाव रहा है। ऐसे में ये सीटें अगर भाजपा के पाले में नहीं आती हैं तो चुनाव के परिणाम (Election Results 2024) में असर जरूर पड़ेगा।
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बीजेपी ने क्यों किया 80 सीटों का दावा (Election Results 2024)
दरअसल, उत्तर प्रदेश में बीजेपी का दबदबा साल 2014 से ही दिखने लगा था। जब भाजपा ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 71 सीटें जीती थीं। जबकि साल 2019 में 62 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसी आधार पर पार्टी ने साल 2024 में यूपी की पूरी 80 सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा किया है। मगर एग्जिट पोल के अनुमानित आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहें हैं। यूपी में अब भाजपा को 50 से 60 सीटें मिलने का अनुमान है।
हर चुनाव में बढ़ता गया कुछ सीटों से फासला
भले ही भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दोनों लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी। मगर कुछ सीटों से भाजपा की दूरी बढ़ती गई। साल 2014 में भाजपा यूपी की सात सीटें और साल 2019 में 16 सीटें हार गई थी। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हारने वाली सीटों में 9 सीटों की बढ़त हुई थी। वहीं इस बार ये फासला और भी बढ़ सकता है।
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यहां बीजेपी का नहीं खुल पाया खाता (Election Results 2024)
प्रदेश की आजमगढ़, रायबरेली और मैनपुरी सीट पर भाजपा की हार लगभग तय मानी जा रही है। इन सीटों पर एग्जिट पोल (Exit Poll 2024) भी यही इशारा करते हैं। कुछ राजनीतिज्ञ का मानना है कि इस बार भाजपा अमेठी सीट फिर से हार सकती है। साल 2014 तक अमेठी कांग्रेस की झोली में थी। मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गाँधी के हाथ से अमेठी छीन ली थी। इस बार अमेठी से कांग्रेस ने किशोरीलाल शर्मा को मैदान में उतार कर अमेठी का चुनाव टक्कर का बना दिया। रायबरेली में अभी तक भाजपा ने जीत का खाता खोला ही नहीं है। इस बार रायबरेली में सोनिया गाँधी की जगह राहुल गाँधी ने कांग्रेस की कमान संभाली है। रायबरेली जैसा हाल मैनपुरी का भी है। यह स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव का गढ़ है। यहां से सपा ने डिंपल यादव को दूसरी बार खड़ा किया है।