Election Commission v/s Rahul Gandhi: न्यूज एजेंसीज के अनुसार लेटर 12 जून को मेल और राहुल के आवास पर भी भेजा गया है। EC ने लेटर में लिखा- भारत की संसद के पारित इलेक्टोरल लॉ, उसके नियमों और समय-समय पर चुनाव आयोग के निर्देशों के जरिए बहुत सख्ती से देश में चुनाव आयोजित कराए जाते हैं। राहुल गांधी ने X पोस्ट में लिखा- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) के अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में केवल 5 महीनों में 8% की वृद्धि हुई है।
इलेक्शन कमीशन (EC) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेटर लिखा है। इसमें महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली के उनके आरोपों पर चर्चा का इन्विटेशन भेजा गया है। न्यूज एजेंसीज के अनुसार लेटर 12 जून को मेल और राहुल के आवास पर भी भेजा गया है। EC ने लेटर में लिखा- भारत की संसद के पारित इलेक्टोरल लॉ, उसके नियमों और समय-समय पर चुनाव आयोग के निर्देशों के जरिए बहुत सख्ती से देश में चुनाव आयोजित कराए जाते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रक्रिया विधानसभा क्षेत्र स्तर पर सेंट्रलाइज्ड आयोजित की जाती है।
इसमें EC के नियुक्त 1,00,186 से ज्यादा BLO, 288 इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर, 139 जनरल ऑब्जर्वर, 41 पुलिस ऑब्जर्वर, 71 खर्च ऑब्जर्वर और 288 रिटर्निंग अधिकारी और महाराष्ट्र में राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के नियुक्त 1 लाख 8 हजार 26 बूथ स्तरीय एजेंट शामिल हैं। इनमें कांग्रेस के 28,421 एजेंट शामिल हैं।
इधर, राहुल गांधी ने X पोस्ट में लिखा- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) के अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में केवल 5 महीनों में 8% की वृद्धि हुई है। कुछ बूथों पर 20-50% की वृद्धि देखी गई। बीएलओ ने अज्ञात व्यक्तियों के वोट डालने की खबर दी। मीडिया ने बिना वेरिफिकेशन पते वाले हजारों मतदाताओं का पता लगाया और चुनाव आयोग चुप है। क्या ये मिलीभगत है? ये अलग-अलग गड़बड़ियां नहीं हैं। यह वोट चोरी है। कवरअप ही कबूलनामा है। इसलिए हम मशीन रीडेबल डिजिटल वोटर लिस्ट और CCTV फुटेज को तुरंत जारी करने की मांग करते हैं।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में वेबकास्टिंग से पकड़ी गई थी धांधली
राहुल गांधी का आरोप है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली हुई और राज्य में महायुति की सरकार बनी। राहुल ने चुनाव आयोग से वोटिंग सेंटर्स के वेबकास्टिंग की CCTV शेयर करने की मांग की थी, जिसे आयोग ने ठुकरा दिया। EC ने कहा है कि ऐसा करने से वोट देने वाले और वोट न देने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
जनवरी 2024 में चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन के दौरान चुनाव अधिकारी पर धांधली करके भाजपा प्रत्याशी को जिताने का आरोप लगा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CCTV फुटेज चेक कराए गए, जिसमें चुनाव अधिकारी अनिल मसीह के बैलट पेपर से छेड़छाड़ करते दिखे। इस पर चुनाव आयोग ने फिर से वोटिंग के आदेश दिए थे। इसके बाद आयोग ने दो बार नियम में बदलाव किया।
21 जून: EC का पोलिंग सेंटर्स की फुटेज सार्वजनिक करने से इनकार
चुनाव आयोग ने 21 जून को कहा था कि वोटिंग सेंटर्स की वेबकास्टिंग की CCTV फुटेज शेयर करना सही नहीं है। इससे वोटर्स, ग्रुप की पहचान करना आसान हो जाएगा। वोट देने वाले और वोट न देने वाले दोनों ही असामाजिक तत्वों के दबाव, भेदभाव और धमकी का शिकार हो सकते हैं। ऐसा करना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के कानूनी प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन होगा।