Maharashtra Politics News In Hindi: महाराष्ट्र में औरंगजेब और उसकी कब्र का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, सोमवार को नागपुर में हुई हिंसा के बाद जमकर राजनैतिक हंगामा मचा हुआ है। महाविकास अघाड़ी और महायुति के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर एक बड़ा दावा किया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर माफी मांगी थी और फिर से बीजेपी के साथ गठबंधन की इच्छा जताई थी। इसके साथ ही उन्होंने शिवसेना यूबीटी पर सत्ता के लिए शिवाजी महाराज के विचारधारा को त्यागकर औरंगजेब की विचारधारा को अपनाने का भी आरोप लगाया है, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने भी उनपर पलटवार किया है।
उपमुख्यमंत्री ने विधान परिषद में किया दावा
मीडिया में चल रहीं खबरों के मुताबिक महाराष्ट्र विधानपरिषद में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने, शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया है, उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर माफी मांगते हुए कहा- ‘कृपया हमें माफ करें, हम आपके साथ फिर से हाथ मिलाना चाहते हैं।’ लेकिन उद्धव ठाकरे दिल्ली से मुंबई आने के बाद अपनी बात से मुकर गए, इसी तरह का ही आरोप उन्होंने शिवसेना यूबीटी के नेता अनिल पारब पर भी लगाए हैं।
ठाकरे ने सत्ता के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों को छोड़, औरंगजेब की विचारधारा को अपनाया
एकनाथ शिंदे ने एक और बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है- ठाकरे ने सत्ता के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों को छोड़, औरंगजेब की विचारधारा को अपनाया और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली। उन्होंने आगे कहा हमने साहसपूर्वक तीर-कमान का साथ छोड़ दिया, जिसे उन्होंने कांग्रेस के हाथों में सौंप दिया था। उन्हें कभी भी पद और सत्ता का मोह नहीं रहा है, बल्कि उन्होंने उन लोगों की समस्यायों का समाधान करने की कोशिस की है, जिन्होंने उन्हें यहाँ तक पहुंचाया है।
उद्धव ठाकरे ने किया पलटवार
एकनाथ शिंदे के इस बयान के बाद शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे ने अब उन पलटवार किया है, उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा- अतीत में क्या हुआ है इसपर बात करने की जगह एकनाथ शिंदे को इस बात का जवाब देना चाहिए, सत्ता में आने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र और यहाँ के लोगों की समास्यायों के समाधान के लिए क्या किया है। उन्होंने शिवसेना के प्रति शिंदे की निष्ठा पर भी सवाल उठाते हुए कहा है, उनकी सरकार ने बालासाहेब ठाकरे की विरासत के साथ समझौता किया है।