3 नवंबर को रात्रि 11.37 पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, लोग अपने घरों से बाहर की ओर भागने लगे।
3 अक्टूबर, 15 अक्टूबर और एक बार फिर 3 नवंबर को नेपाल में केंद्रित इस भूकंप ने पूरे उत्तर भारत को हिला दिया। नार्थ इंडिया में महसूस किए गए अर्थ क्वेक की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.4 रही। जबकि पिछले महीने वाले भूकंप की फ्रीक्वेंसी 6.2 थी।
नेपाल में भूकंप से 154 की मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूकंप का एपीसेंटर (Epicentre) काठमांडू से 321 किमी दूर उत्तर-प्रश्चिम में 10 किमी जमीन के नीचे था. जाजरकोट और रुकुम पश्चिम जिले में भूकंप का असर सबसे ज्यादा देखा गया. यहां 154 लोगों की मौत हो चुकी है. नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड हालात का जायजा लेने जाजरकोट पंहुच चुके हैं.
Nepal Earthquake Epicentre Map
बता दें की पिछले महीनों में नेपाल में कई बार तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इसका असर पूरे उत्तर भारत में देखने को मिला । 3 अक्टूबर और 15 अक्टूबर को दिल्ली एनसीआर में झटके महसूस किए गए थे जिसकी तीव्रता 6.2 थी। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए थे लेकिन राहत की बात ये थी कोई हताहत होने की खबर सामने नहीं आई थी।
Nepal Bhukamp Video
इसके बाद राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया की 22 अक्टूबर को सुबह 7.39 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे जिसका केंद्र नेपाल का धाडिंग जिला था। ये झटके नेपाल के बागमती और गंडकी प्रांत में भी महसूस किए गए थे। इन झटकों से काठमांडू से 90 किलोमीटर दूर स्थित ज्वालामुखी नगर पालिका 5 कुमालटारी में 20 मकान नष्ट हो गए और 75 मकान छतिग्रस्त हुए। भूकंप और इसके बाद आए झटकों से लोगो में दहशत फैल गई।
नेपाल में अक्सर भूकंप आता रहता है, ये उस पर्वत श्रृंखला पर स्थित है जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट्स मिलती और ये हर सदी एक दूसरे की ओर 2 मीटर खिसकती है। इसी मूवमेंट के दबाव के कारण भूकंप आते है। इसके पहले नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत में 16 अक्टूबर को 4.2 की तीव्रता से भूकंप आया था। नेपाल में 2015 में आए भयानक भूकंप और उसके झटकों से लगभग 9000 लोगो की जान चली गई.