Russia EarthQuake: 30 जुलाई 2025 को रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप (Kamchatka Peninsula) में 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप (Massive Earthquake In Russia) आया, जिसने प्रशांत महासागर के कई देशों में सुनामी (Tsunami In Japan) का खतरा पैदा कर दिया। इस भूकंप के बाद रूस, जापान (Japan), हवाई (Hawaii), अलास्का (Alaska) और कैलिफोर्निया (California) सहित कई क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई। रूस के कुरील द्वीपों (Kuril Islands) और जापान के होक्काइडो (Hokkaido) में सुनामी की लहरें तटों से टकराईं, जिससे कई इलाकों में नुकसान की खबरें हैं।
भूकंप 30 जुलाई 2025 को सुबह 8:25 बजे (जापान समय) कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी तट से 125 किलोमीटर दूर समुद्र में आया। इसका केंद्र 19.3 किलोमीटर की गहराई पर था, जिसे यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने 8.8 तीव्रता (Earthquake Magnitude) का दर्ज किया। यह 2011 में जापान में आए 9.0 तीव्रता के भूकंप के बाद सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक है। भूकंप के बाद 6.3 और 6.9 तीव्रता के दो बड़े आफ्टरशॉक्स (Aftershocks) भी दर्ज किए गए, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
कामचटका के सबसे बड़े शहर पेट्रोपावलोव्स्क-कामचट्स्की (Petropavlovsk-Kamchatsky) में लोग बिना जूते-कपड़ों के सड़कों पर भागे, घरों में फर्नीचर गिरा और बिजली-पानी की सेवाएं बाधित हुईं। सुनामी का प्रभावभूकंप के तुरंत बाद रूस के कुरील द्वीपों के सेवेरो-कुरील्स्क (Severo-Kurilsk) में 3 से 4 मीटर ऊंची सुनामी लहरें (Tsunami Waves) टकराईं, जिससे बंदरगाह और मछली प्रसंस्करण संयंत्र में बाढ़ (Flood Japan) आ गई।
रूस के आपातकाल मंत्रालय ने क्षेत्र में आपातकाल (State of Emergency) घोषित कर 2,000 से अधिक निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। कामचटका के येलिज़ोवो जिले (Yelizovo District) में भी 3-4 मीटर की लहरें दर्ज की गईं। जापान में होक्काइडो के नेमुरो (Nemuro) में 30-60 सेंटीमीटर की सुनामी लहरें पहुंचीं, जबकि इवाते प्रांत (Iwate Prefecture) के कुजी बंदरगाह में 60 सेंटीमीटर की लहरें देखी गईं।
जापान मौसम एजेंसी (Japan Meteorological Agency) ने चेतावनी दी कि बाद की लहरें और ऊंची हो सकती हैं। जापान में भूकंप का असर कम महसूस हुआ, लेकिन सुनामी की आशंका ने प्रशांत तट (Pacific Coast) के 133 नगर पालिकाओं में 9 लाख से अधिक लोगों को निकासी (Evacuation) के आदेश दिए। होक्काइडो से लेकर वकायामा (Wakayama Prefecture) तक लोग ऊंचे स्थानों और इमारतों की छतों पर शरण लेने को मजबूर हुए।
2011 में फुकुशिमा (Fukushima) में सुनामी के कारण हुए परमाणु हादसे (Nuclear Disaster) को देखते हुए फुकुशिमा दाइची संयंत्र से कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला गया, हालांकि कोई असामान्यता नहीं देखी गई। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा (Shigeru Ishiba) ने आपातकालीन समिति गठित की और लोगों से तटों से दूर रहने की अपील की।अमेरिका और हवाई में अलर्टहवाई में सुनामी चेतावनी (Tsunami Warning) के बाद सायरन बजाए गए और होनोलूलू (Honolulu) सहित तटीय क्षेत्रों से लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने को कहा गया।
हवाई के गवर्नर जोश ग्रीन (Josh Green) ने बताया कि मिडवे एटोल (Midway Atoll) पर 1.8 मीटर की लहरें मापी गईं, और हवाई में 1-3 मीटर की लहरें (Destructive Waves) संभावित हैं। पहली लहरें हवाई में स्थानीय समयानुसार रात 7:17 बजे पहुंचने की उम्मीद थी। कैलिफोर्निया में उत्तरी तटों के लिए सुनामी चेतावनी और दक्षिणी तटों के लिए सलाह (Tsunami Advisory) जारी की गई।
गवर्नर गेविन न्यूसम (Gavin Newsom) और लॉस एंजिल्स की मेयर करेन बास (Karen Bass) ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की। अलास्का के एल्यूशियन द्वीपों (Aleutian Islands) में भी चेतावनी जारी की गई। अन्य देशों में प्रभावफिलीपींस (Philippines), इंडोनेशिया (Indonesia), और न्यूजीलैंड (New Zealand) में भी सुनामी सलाह जारी की गई, जहां 0.3 से 1 मीटर की लहरें संभावित थीं। चीन के शंघाई (Shanghai) और झेजियांग प्रांत (Zhejiang Province) में तूफान को-मे (Typhoon Co-May) के साथ सुनामी का खतरा बढ़ गया, जिसके कारण 2.8 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। न्यूजीलैंड में तटों पर असामान्य धाराओं (Unusual Currents) की चेतावनी दी गई।
रूस में अभी तक कोई गंभीर हताहत (Casualties) की खबर नहीं है, लेकिन कामचटका में एक किंडरगार्टन (Kindergarten Damage) और अन्य इमारतों को नुकसान पहुंचा। क्षेत्रीय स्वास्थ्य मंत्री ओलेग मेलनिकोव (Oleg Melnikov) ने बताया कि कुछ लोग भागने के दौरान घायल (Minor Injuries) हुए, लेकिन सभी की हालत स्थिर है। रूस के आपातकाल मंत्रालय ने राहत कार्य (Rescue Operations) शुरू किए और सेवेरो-कुरील्स्क में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकाला। जापान में अभी तक कोई बड़ा नुकसान या हताहत की खबर नहीं है।