E-Library e-Granthalaya: विद्यार्थियों को ई-ग्रंथालय के माध्यम से ऑनलाइन किताबें पढ़ने के लिए सबसे पहले अपने महाविद्यालय में पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के बाद, महाविद्यालय द्वारा विद्यार्थी के ईमेल पर स्वतः जनरेट की गई आईडी और पासवर्ड भेजा जाएगा। इसके बाद, विद्यार्थी लॉगिन करके ई-बुक्स का उपयोग कर सकेंगे।
E-Library e-Granthalaya: मध्य प्रदेश के 544 सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की लाइब्रेरियों को डिजिटल रूप से अपग्रेड कर ई-ग्रंथालय में बदला गया है। इस पहल से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को समान रूप से मुफ्त ऑनलाइन अध्ययन सामग्री उपलब्ध हो रही है। उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन और आयुक्त प्रबल ने बताया कि ई-ग्रंथालय के माध्यम से लाखों विद्यार्थी अब कभी भी, कहीं से भी ऑनलाइन किताबें पढ़ सकते हैं। यह व्यवस्था शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
विश्वविद्यालय क्लस्टर पर आधारित होगा ई-ग्रंथालय
उच्च शिक्षा विभाग ने ई-ग्रंथालय को विश्वविद्यालय क्लस्टर के आधार पर विकसित किया है। इसके तहत प्रत्येक विश्वविद्यालय का क्लस्टर बनाया गया, और इसके अंतर्गत आने वाले सभी शासकीय महाविद्यालयों की लाइब्रेरियों को एकीकृत कर डिजिटल स्वरूप दिया गया। विद्यार्थी अपने विश्वविद्यालय के ई-ग्रंथालय पोर्टल पर लॉगिन कर विषयवार पुस्तकों तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
क्या है रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
ई-ग्रंथालय का लाभ लेने के लिए विद्यार्थियों को अपने महाविद्यालय में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद महाविद्यालय द्वारा विद्यार्थी के ईमेल पर ऑटो-जनरेटेड आईडी और पासवर्ड भेजा जाएगा, जिसके माध्यम से वे ई-बुक्स पढ़ सकेंगे।
32 लाख से अधिक पुस्तकें उपलब्ध
वर्तमान में मध्य प्रदेश के 544 शासकीय शिक्षण संस्थानों में ई-ग्रंथालय के जरिए 10 लाख से अधिक विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। ई-ग्रंथालय में 32 लाख से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं, जो विद्यार्थियों को मुफ्त में प्रदान की जा रही हैं। यह पहल प्रदेश में उच्च शिक्षा को और सुलभ व समावेशी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

