Drawbacks of Web GIS 2.0 Portal: राजस्व विभाग के नए वेब जीआईएस 2.0 पोर्टल में तकनीकी और व्यवहारिक खामियों को लेकर प्रांतीय पटवारी संघ ने रीवा कलेक्टर को प्रमुख सचिव (राजस्व) के नाम ज्ञापन सौंपा है। पटवारियों ने पोर्टल में नामांतरण, बंटवारा और फौती नामांतरण जैसे कार्यों के दौरान आने वाली समस्याओं को तत्काल दूर करने की मांग की है।पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष अनंत प्रताप सिंह ने बताया कि वेब जीआईएस 2.0 को आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत बताया गया था, लेकिन इसमें कई खामियां सामने आ रही हैं।
सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब किसी खसरे में एक से अधिक खातेदार होते हैं। ऐसे मामलों में सभी खातेदारों को ओटीपी प्राप्त करना अनिवार्य है। यदि एक भी खातेदार ओटीपी देने से इनकार करता है, तो नामांतरण या अन्य कार्य पूरे नहीं हो पाते। पहले खाता अलग करने या विलय की सुविधा पटवारी की आईडी पर उपलब्ध थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया तहसीलदार की आईडी पर अनुमोदन के लिए भेजी जाती है, जिससे प्रक्रिया जटिल हो गई है। इससे किसानों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
पटवारी संघ ने बताया कि इस संबंध में 12 अगस्त को पूरे प्रदेश में ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें 25 अगस्त तक समस्याओं के निराकरण की मांग की गई थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर अब दोबारा ज्ञापन सौंपा गया है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि 1 सितंबर तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वेब जीआईएस 2.0 का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा। पटवारियों का कहना है कि पोर्टल की खामियों के कारण सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें दर्ज हो रही हैं, जिसका ठीकरा पटवारियों पर फोड़ा जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि पोर्टल को एनआईसी के नवीनतम डाटा से अपडेट किया जाए ताकि कार्य सुगम हो सके।