Dr. Sunilm criticized the government in Rewa-Mauganj: मध्य प्रदेश के रीवा और मऊगंज जिले के दौरे पर पहुंचे किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने केंद्र और राज्य सरकारों पर किसानों को नजरअंदाज करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकारें किसानी और गांवों को नष्ट कर जमीनी संसाधनों को अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों के हवाले करने की साजिश रच रही हैं। डॉ. सुनीलम ने धान बोनस, गौपालन योजना और प्रधानमंत्री सम्मान निधि जैसी केंद्रीय योजनाओं में अनियमितताओं का जिक्र करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि यदि मुद्दों का समाधान नहीं हुआ तो समिति बड़ा आंदोलन छेड़ेगी। डॉ. सुनीलम ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 40 लाख हेक्टेयर पर धान पैदा करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4,000 रुपये बोनस देने का वादा किया था, जिससे कुल 1,60,000 करोड़ रुपये का लाभ होना था। लेकिन केवल 350 करोड़ रुपये ही जारी किए गए, जिसमें रीवा और मऊगंज के किसानों को महज 10 प्रतिशत भी नहीं मिला।
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उन्होंने कहा कि यह वादा केवल कागजों पर रह गया, जबकि हालिया बारिश और आंधी से धान की फसलें जमींदोज हो चुकी हैं।इसके अलावा, डॉ. सुनीलम ने गौपालन योजना पर भी सवाल उठाए। सरकार का दावा है कि प्रति गाय 40 रुपये की सहायता दी जा रही है, लेकिन गांव-गांव के गौपालक किसानों ने शिकायत की है कि एक भी पैसा नहीं पहुंचा।
उन्होंने केंद्र सरकार के गोमांस पर जीएसटी को शून्य करने के फैसले को गंभीर अपराध करार दिया, जिसकी सजा मोहन सरकार को भुगतनी पड़ेगी।
डॉ. सुनीलम ने कहा कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में भी इसी तरह की धांधली चल रही है, जहां किसानों को उनका हक नहीं मिल रहा।धान की फसलों का मुआयना करने के दौरान किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिव सिंह एडवोकेट, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह शंखू और प्रदेश सचिव संतकुमार पटेल ने भी सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि रात्रि में हुई भारी बारिश और तेज हवाओं से धान की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं।
इसके बावजूद सरकार ने न तो त्वरित सर्वे कराया और न ही मुआवजा घोषित किया। साथ ही, समय पर यूरिया खाद न मिलने से पैदावार में कमी की आशंका है। नेताओं ने मांग की कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद को किसान हितैषी बताते हैं, लेकिन भाजपा सरकार किसानों से दुश्मनी निभा रही है।डॉ. सुनीलम ने स्पष्ट ऐलान किया कि यदि सरकार ने किसानों के इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया तो किसान संघर्ष समिति प्रांतव्यापी आंदोलन चलाएगी। यह दौरा रीवा-मऊगंज के सैकड़ों किसानों के बीच संपन्न हुआ, जहां उन्होंने अपनी समस्याओं को साझा किया। आयोजकों के अनुसार, यह संघर्ष किसानों की एकजुटता को मजबूत करने का माध्यम बनेगा।