सोशल मीडिया पर उनका एक बायोडाटा वायरल हो रहा है, जो डॉ. मनमोहन सिंह (DR MANMOHAN SINGH RESUME) का है,,,,,
NEW DELHI: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार 26 दिसंबर को रात 9.51 बजे निधन हो गया। 92 साल की उम्र में पूर्व पीएम ने दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली। तबियत खराब होने के चलते कल रात करीब 8 बजे उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। फिलहाल सोशल मीडिया पर उनका एक बायोडाटा वायरल हो रहा है, जो डॉ. मनमोहन सिंह (DR MANMOHAN SINGH RESUME) का है। कहा जा रहा है कि यह बायोडाटा मनमोहन सिंह का है, जिसे कई यूजर्स ने पोस्ट किया है। जिसमें 1957 में अर्थशास्त्र प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू करने के बाद से उनकी सभी उपलब्धियों का विवरण दिया गया है।
कई अहम पदों की जिम्मेदारी संभाली
प्रधान मंत्री बनने से पहले, डॉ. मनमोहन सिंह (DR MANMOHAN SINGH RESUME) ने वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधान मंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। इसके अलावा वह 1963-65 तक पंजाब यूनिवर्सिटी और 1969-71 तक दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर भी रहे। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन 1971 में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए।
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शैक्षणिक योग्यता
वायरल हो रहे बायोडेटा (DR MANMOHAN SINGH RESUME) के मुताबिक, उन्होंने 1948 में फर्स्ट डिवीजन में 10वीं पास की और 1950 में फर्स्ट डिवीजन में 12वीं पास की। उन्होंने 1952 में पंजाब यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में सेकेंड डिवीजन ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। पंजाब यूनिवर्सिटी से 1954 में इकोनॉमिक्स में फर्स्ट डिवीजन एमए की डिग्री हासिल की। इसके बाद 1957 में उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से फर्स्ट डिविजन में इकोनॉमिक ट्रिपोस की डिग्री हासिल की और 1962 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नफिल्ड कॉलेज से डी.फिल किया।
करियर में कुल 25 पुरस्कार मिले
बायोडाटा के अनुसार, 2000 में उन्हें यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक लिमिटेड, सतारा, महाराष्ट्र द्वारा स्थापित डब्ल्यूएलजी (अन्नासाहेब चिरमुले ट्रस्ट) द्वारा अन्नासाहेब चिरमुले पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें उत्कृष्टता के लिए एचएच कांची श्री परमाचार्य पुरस्कार दिया गया था। उन्हें अपने करियर में कुल 25 पुरस्कार मिले।
22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक प्रधानमंत्री रहे
सितंबर 1991 में वह पहली बार राज्यसभा सदस्य बने। उन्हें कांग्रेस की ओर से असम से राज्यसभा भेजा गया था। 19 जून 1991 को वह वित्त मंत्री बने। 1 अगस्त 1996 को वह राज्यसभा की वाणिज्य संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष बने। 21 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे। वह 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक प्रधानमंत्री रहे।