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Dr Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Yojana 2025 | डेयरी खोलने मोहन सरकार दे रही लाखो पैसे, फटाफट से चेक करें योजना

Dr. Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Yojana

Dr. Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Yojana

Dr. Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Yojana | निरंतर दूध एवं दुग्ध उत्पादों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुये एवं दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये शासन द्वारा मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कार्यक्रम अंतर्गत डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना प्रारंभ की गई है।

Dr Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Yojana

योजना के तहत दुधारू पशुओं की डेयरी इकाईयों की स्थापना की जा सकती है। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. एस.के. त्रिपाठी ने बताया कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना में हितग्राहियों को बैंक ऋण की सुविधा के साथ शासकीय अनुदान का प्रावधान भी है। योजना का लाभ लेने के लिये मध्यप्रदेश पशु पालन एवं डेयरी विभाग की वेबसाईट www.mpdah.gov.in के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन किया जा सकता है।

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उप संचालक डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि लाभार्थियों का चयन ‘‘पहले आओ, पहले पाओ’’ के आधार पर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। एक हितग्राही के द्वारा प्रति इकाई 25 दुधारू पशुओं के मान से अधिकतम 8 इकाईयों अर्थात 200 दुधारू पशु के लिये आवेदन किया जा सकता है। उन्होने बताया कि 1 इकाई में सभी गौवंश अथवा सभी भैंसवंश ही होंगें। साथ ही 1 इकाई की सभी गाय अथवा भैंस एक ही प्रजाति की होना आवश्यक है।

Dr Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Yojana

योजना में भारतीय मूल की गायों की देशी नस्लों में साहीवाल, गिर, थारपारकर व रेड सिंधी तथा गाय की संकर नस्लों में एच.एफ. जर्सी एवं भैंसों में मुर्रा, भदावरी, सुस्ती, मेहसाना को क्रय किया जा सकता है। उन्होने बताया कि योजना के तहत पशुओं को मध्यप्रदेश के बाहर से क्रय किया जाना आवश्यक होगा।

उप संचालक डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना के तहत हितग्राही के पास प्रति इकाई न्यूनतम 3.50 एकड़ कृषि भूमि होना आवश्यक है। इकाईयों की संख्या में गुणात्नक वृद्धि होने पर अनुपातिक रूप से न्यूनतम कृषि भूमि की अर्हता में भी अनुपातिक वृद्धि आवश्यक होगी। उन्होने बताया कि यह योजना सभी वर्गों के पशुपालकों के लिये है। हितग्राही का मध्य प्रदेश राज्य का निवासी होना आवश्यक है।

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योजना के तहत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति श्रेणी के हितग्राहियों के लिये निर्धारित परियोजना लागत का 33 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी के हितग्राहियों के लिये निर्धारित परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अनुदान राशि होगी। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान में दुग्ध संघों के अंतर्गत पूर्व से दूध प्रदाय कर रहे पशु पालकों दुग्ध सहकारी समिति अथवा दूध के एफ.पी.ओ. के सदस्यों एवं दुग्ध संघ व प्रोड्यूसर कंपनी के प्रचलित मिल्क रुट पर आने वाले हितग्राहियों को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की वरीयता में प्राथमिकता दी जायेगी।

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