Donald Trump Xi Jinping Meeting : अमेरिका और चीन दोनों विश्व की प्रमुख आर्थिक शक्तियां हैं। अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम करने और व्यापारिक संबंधों में सुधार होता दिख रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोशिश के बाद दोनों देशों के बीच सोयाबीन के व्यापार पर बात पक्की हो गई है। चीनी राष्ट्रपति शी चिंपिंग के साथ बैठक में डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ़ में कटौती कर चीन के साथ अपने बिगड़े संबंध को सुधार लिया है। दोनों देशों के इस व्यापार का प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था और द्विपक्षीय रिश्तों भी पर पड़ेगा।
अमेरिका और चीन के बीच सुलझा टैरिफ़ विवाद
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव और टैरिफ विवाद लंबे समय से चल रहा था। ट्रंप प्रशासन ने चीन पर कई तरह के टैरिफ लगाए थे, जिनका मकसद चीन की व्यापार नीतियों में बदलाव लाना और अमेरिकी उद्योगों का संरक्षण करना था। इसके जवाब में, चीन ने दुर्लभ मृदा खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया और फेंटेनाइल जैसे खतरनाक ड्रग्स के व्यापार पर टैरिफ लगाए। इस तनावपूर्ण माहौल में, दोनों नेताओं के बीच बैठक को अत्यंत आवश्यक माना जा रहा था ताकि तनाव को कम किया जा सके और द्विपक्षीय बातचीत को आगे बढ़ाया जा सके।
बैठक में दोनों देशों ने इन मुद्दों पर दी स्वीकृति
टैरिफ में कटौती – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाए गए टैरिफ को 10% घटाने की घोषणा की। इससे मौजूदा 57% से घटकर यह 47% रह जाएगा। यह कदम व्यापार संबंधों में सुधार का संकेत है और दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध के तनाव को कम करने का प्रयास है।
चीन की प्रतिबद्धता- बदले में, चीन ने अमेरिकी सोयाबीन की खरीद फिर से शुरू करने, रेयर अर्थ एक्सपोर्ट जारी रखने और फेंटेनाइल के अवैध व्यापार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का वादा किया है। इससे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की उम्मीद जगी है।
फेंटेनाइल पर टैरिफ – अमेरिका ने फेंटेनाइल से जुड़े टैरिफ को भी 20% से घटाकर 10% कर दिया है, जो कि इस खतरनाक ड्रग के व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से था।
आगामी यात्रा – ट्रंप ने कहा कि वे अप्रैल में चीन की यात्रा करेंगे और शी जिनपिंग अमेरिका आएंगे, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में और सुधार की संभावना दिख रही है।
चीन ने कहा- बैठक सफल होने वाली है
चीन के राष्ट्रपति शी ने कहा कि वे बैठक बहुत सफल होने वाली है और उन्होंने अपने पूर्व में तैयार वक्तव्य में दोनों देशों के बीच मतभेदों के बावजूद सहयोग की इच्छा व्यक्त की। वहीं, ट्रंप ने भी इस बैठक को सफल माना और इसे 12 में से 12 अंक दिए। उन्होंने विश्वास जताया कि दोनों देश आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अभी भी कुछ मुद्दे हैं अनसुलझे
यह बैठक दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और व्यापारिक विवादों को हल करने का सकारात्मक संकेत है। यदि दोनों देश अपने वादों पर कायम रहते हैं, तो यह वैश्विक बाजार के लिए लाभकारी होगा। हालांकि, अभी भी कई मुद्दे अनसुलझे हैं, जैसे कि तकनीकी प्रौद्योगिकी, अवैध व्यापार, और राजनीतिक मतभेद। दोनों नेताओं की आगामी यात्राएं और बातचीत इन मुद्दों को हल करने में सहायक हो सकती हैं।
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