भारत-अमेरिका ट्रेड डील: ट्रम्प का दावा- जल्द खुलेगा भारतीय बाजार, इंडोनेशिया जैसी डील पर बातचीत

Donald Trump, India-US Trade Deal, Indonesia Trade Agreement, Tariffs, Indian Market Access, US Exports, Reciprocal Tariffs: वॉशिंगटन, 17 जुलाई 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के साथ ट्रेड डील को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका जल्द ही भारतीय बाजार में अपने उत्पादों के लिए पूरी पहुंच हासिल कर लेगा। ट्रम्प ने मंगलवार को इंडोनेशिया के साथ हुए व्यापार समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के साथ भी उसी तर्ज पर डील होगी। इस समझौते के तहत अमेरिकी सामानों पर भारत में शून्य टैरिफ लगेगा, जबकि भारतीय निर्यात पर अमेरिका 10-20% टैरिफ लगा सकता है।

इंडोनेशिया डील का फॉर्मूला

ट्रम्प ने इंडोनेशिया के साथ हुए समझौते को “शानदार” बताते हुए कहा कि इसके तहत इंडोनेशिया अमेरिका से 15 अरब डॉलर का ऊर्जा, 4.5 अरब डॉलर के कृषि उत्पाद और 50 बोइंग जेट खरीदेगा। बदले में, इंडोनेशिया के निर्यात पर पहले प्रस्तावित 32% टैरिफ को घटाकर 19% कर दिया गया है, और अमेरिकी सामानों को इंडोनेशिया में टैरिफ-मुक्त पहुंच मिलेगी। ट्रम्प ने दावा किया कि भारत के साथ भी ऐसी ही डील जल्द पूरी होगी।

भारत की रणनीति

भारतीय अधिकारी इस डील में इंडोनेशिया (19%) और वियतनाम (20%) से कम टैरिफ दर की मांग कर रहे हैं। नई दिल्ली 1 अगस्त की समय सीमा से पहले समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश में है, जब ट्रम्प के प्रस्तावित पारस्परिक टैरिफ लागू होंगे। भारत के वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि कोई भी समझौता राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर ही किया जाएगा। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया कि भारत समय सीमा के दबाव में कोई जल्दबाजी नहीं करेगा।

ट्रम्प की टैरिफ नीति

ट्रम्प ने पिछले हफ्ते 20 से अधिक देशों को टैरिफ नोटिस भेजे हैं, जिनमें जापान, दक्षिण कोरिया, और अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये नोटिस बेहतर व्यापारिक शर्तों के लिए बातचीत को बढ़ावा देने की रणनीति हैं। ट्रम्प ने इंडोनेशिया, ब्रिटेन, और वियतनाम के साथ समझौते पूरे किए हैं, जबकि चीन के साथ एक अस्थायी युद्धविराम हुआ है। भारत के साथ डील को लेकर ट्रम्प ने बुधवार को कहा, “हम भारत के साथ डील के बहुत करीब हैं, जहां बाजार पूरी तरह खुल जाएगा।”

भारत पर प्रभाव

भारत और अमेरिका के बीच 2024 में द्विपक्षीय व्यापार करीब 120 अरब डॉलर का था। अगर यह डील होती है, तो अमेरिकी कृषि उत्पाद, जैसे डेयरी और सोयाबीन, और औद्योगिक सामान भारतीय बाजार में बिना टैरिफ के आ सकते हैं। हालांकि, भारतीय निर्यात, जैसे टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल्स, और स्टील, पर 10-19% टैरिफ का बोझ पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को कम टैरिफ के लिए सख्त मोलभाव करना होगा, क्योंकि यह डील दीर्घकालिक व्यापार संतुलन को प्रभावित कर सकती है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कुछ यूजर्स ने इस डील को लेकर चिंता जताई है। उनका मानना है कि भारतीय बाजार को पूरी तरह खोलने से स्थानीय किसानों और छोटे उद्योगों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। एक यूजर ने लिखा, “मोदी जी अगर कृषि बाजार खोलते हैं, तो किसानों की हालत और खराब होगी।” दूसरी ओर, कुछ का कहना है कि यह डील भारत को अमेरिकी प्रौद्योगिकी और निवेश का लाभ दे सकती है।

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