यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब से चुनाव जीते हैं तब से फायर मोड़ में हैं और जैसे जैसे उनके राष्ट्रपति पद की शपथ लेने का समय नज़दीक होता जा है है, वैसे – वैसे ट्रंप बयानबाज़ी और उनकी हरकतें और भी आक्रामक होती जा रही हैं। वैसे देखा जाए तो ट्रंप राष्ट्रपति बनने से पहले न सिर्फ आक्रामक बयान दे रहे हैं बल्की दूसरे देशों को कब्जे में लेने की सीधे – सीधे धमकी दे रहे हैं. इससे पूरी दुनिया हैरान है कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप चाहते क्या हैं ?
डोनाल्ड ट्रंप इस समय दो देशों के पीछे पड़े हैं. कनाडा और ग्रीनलैंड, वो इन देशों में हमला करने की बात नहीं कर रहे बल्कि दोनों देशों को अमेरिका में शामिल करने की चेतावनी दे रहे हैं. उन्होंने तो अमेरिका का नया नक्शा भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ में शेयर किया है जिसमे कनाडा है ही नहीं, इस मैप में उन्होंने कनाडा को एक देश नहीं बल्कि अमेरिका का एक राज्य बताया है. और हैरानी की बात ये है कि कनाडा की सरकार इतनी हिम्मत नहीं कर पा रही है कि वो डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक शब्द भी बोल दे.
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनने का ऑफर दिया है, ट्रम्प ने कहा कि – अमेरिका अब कनाडा से और ज्यादा व्यापारिक घाटा सहन नहीं कर सकता और न ही अब सब्सिडी दे सकता है, अगर कनाडा को अपना अस्तित्व बचाए रखना है तो उसके लिए अमेरिका से मिल जाने की जरूरत है, अगर कनाडा अमेरिका का एक राज्य बन जाता है तो, न कोई टेरिफ लगेगा, टैक्स कम हो जाएंगे, कनाडा रूसी और चीनी जहाजों के खतरे से सुरक्षित भी हो जाएगा। ये बयान देने के बाद ट्रंप ने अगले दिन अमेरिका का नया मैप ही जारी कर दिया जिसमे कनाडा को भी अमेरिका का हिस्सा बता दिया।
इधर डोनल्ड ट्रंप ग्रीनलैंड में भी अमेरिकी कंट्रोल की बात कर रहे हैं. कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा है कि नेशनल सिक्योरिटी और पूरी दुनिया की आज़ादी के लिए अमेरिका को ऐसा लगता है कि ग्रीनलैंड में हमारा कंट्रोल जरूरी है. ग्रीनलैंड एक आइलैंड भी है और एक देश भी है जिसपर किंगडम ऑफ़ डेनमार्क का कंट्रोल है. लेकिन ग्रीनलैंड एक सेल्फ गवर्नमेंट देश है जहां सिर्फ 57000 लोग रहते हैं. डोनाल्ड ट्रंप इस देश को खरीदने की बात कर रहे हैं ऐसे में ग्रीनलैंड के प्रधान मंत्री म्यूट एगेडे ने पलटवार करते हुए कहा भी है कि हम बिकाऊ नहीं हैं न कभी होंगे। कई लोग ये बात समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर ट्रंप ऐसा जमीन का टुकड़ा क्यों चाहते हैं जहां की 80 % जमीन सिर्फ बर्फ और ग्लेशियर है.
खैर न सिर्फ कनाडा और ग्रीनलैंड बल्कि ट्रंप ने पनामा नहर को ही छीनने की बात कह दी थी. जबकि पनामा नहर पर पूरा हक़ पनामा देश का है. ट्रंप का कहना है कि इस नहर का इस्तेमाल करने के लिए अमेरिका को बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है, अमेरिका ही इस नहर की मरम्मत का खर्च उठाता है लेकिन चीनी सैनिक यहां अवैध रुप से काम कर रहे हैं. ट्रंप का कहना है कि अगर पनामा देश अपनी फीस को कम नहीं करता है तो हम पनामा नहर को फिर से अपने कब्जे में ले लेंगे। दरअसल 1914 में अमेरिका ने ही पनामा नहर का निर्माण किया था. जिसे 1977 में इसका नियंत्रण पनामा देश को दे दिया गया था, ट्रंप अब पनामा नहर वापस मांग रहे हैं.
देखा जाए तो सिर्फ यही तीन देश नहीं, ब्रिटेन और फ़्रांस भी अमेरिका की दखअंदाजी से परेशान हैं. ब्रिटेन के पीएम ने तो साफ़ कह दिया है कि एलोन मस्क, हमारी सरकार गिराना चाहते हैं, वहीं फ़्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रॉन ने भी कहा है कि एलोन मस्क, फ़्रांस के चुनाव में दखलंदाजी कर रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने डोनाल्ड ट्रंप के कारण ही इस्तीफा दिया है. इधर ब्रिक्स देश भी टेंशन में हैं क्योंकी ट्रंप ने इन देशों पर 100 % टेरिफ लगाने की धमकी दी है. देखा जाए तो डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ही आधी दुनिया में उथलपुथल मची हुई है. 20 जनवरी को ट्रंप शपथ लेंगे और उसके बाद क्या क्या करने वाले हैं इसे लेकर कई देश डरे हुए हैं. सबसे ज्यादा कोई सहमा है तो हमास, जिसे ट्रंप ने बीते दिन ही धमकी दी है. ट्रंप ने कहा है कि अगर हमास, मेरे शपथ लेने से पहले बंधकों को रिहा नहीं करता है तो ये किसी के लिए अच्छा नहीं होगा, मिडल ईस्ट में तबाही मच जाएगी, सब कुछ बर्बाद हो जाएगा।
तो ट्रंप का राष्ट्रपति बनने से पहले दूसरे देशों के प्रति ऐसा रवैया है तो वह प्रेसिडेंट बनने के बाद क्या करने वाले हैं इसका कोई ठिकाना नहीं है. वैसे आपको क्या लगता है डोनाल्ड ट्रंप सच में कनाडा, ग्रीनलैंड और पनामा नहर पर कब्जा करने के लिए मिलिट्री अभियान चलाएंगे या वो सिर्फ इन देशों को डरा रहे हैं. अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें