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क्या साबुन से धोने पर रेबीज वायरस मर जाता है?

Does washing with soap kill the rabies virus: सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवारा कुत्तों (stray dogs) को इंसानी बस्तियों से हटाने के आदेश पर चल रहे विवाद के बीच पूर्व बीजेपी सांसद मेनका गांधी की बहन (Maneka Gandhi Sister Name) अंबिका शुक्ला (Ambika Shukla) ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। अंबिका ने दावा किया कि रेबीज वायरस (Rabies virus dies when washed with soap) साबुन से धोने पर मर जाता है और भारत में पिछले साल केवल 55 रेबीज के मामले (Rabies cases India 2025) सामने आए। लेकिन क्या यह सच है? आइए, तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर इस बयान की पड़ताल करते हैं।

रेबीज वायरस कैसे फैलता है

How the rabies virus is spread: रेबीज एक जानलेवा वायरल बीमारी है, जो आमतौर पर संक्रमित कुत्तों (Infected dogs), बिल्लियों या अन्य जानवरों के काटने से फैलती है। वायरस तंत्रिका तंत्र (Nervous System) को प्रभावित करता है और अगर समय पर इलाज न हो, तो मृत्यु निश्चित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, रेबीज काटने वाली जगह को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना पहला कदम है, क्योंकि यह वायरस की सतह पर मौजूद कुछ वायरस को निष्क्रिय कर सकता है। लेकिन यह पूरी तरह वायरस को खत्म नहीं करता।

विशेषज्ञों का कहना है कि साबुन से धोना केवल जोखिम को कम करता है, न कि रेबीज को पूरी तरह ठीक करता है। इसके लिए एंटी-रेबीज वैक्सीन (Anti-rabies vaccine) और इम्युनोग्लोबुलिन (Immunoglobulin) की जरूरत होती है। अंबिका शुक्ला का दावा कि साबुन से वायरस मर जाता है, पूरी तरह गलत और गैर-जिम्मेदाराना है।

भारत में हर साल कितने लोग कुत्तों के काटने के शिकार होते हैं

How many people are bitten by dogs every year in India: हाल ही में प्रकाशित ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के एक विशेष लेख में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। लेख के अनुसार, भारत में हर दिन लगभग 10,000 लोग कुत्तों के काटने (Per day dog bite incidents in India) का शिकार होते हैं, जो सालाना लगभग 37 लाख मामलों (3.7 million cases) तक पहुंचता है। वहीं, सरकार के आधिकारिक आंकड़ों (Rabies Death Rate India) के मुताबिक, 2022 में रेबीज से 305 मौतें हुईं, जबकि WHO का अनुमान है कि वास्तविक संख्या 18,000 से 20,000 तक हो सकती है। यह आंकड़ा अंबिका के 55 मामलों के दावे को पूरी तरह गलत साबित करता है।

विज्ञान से परे बयानअंबिका शुक्ला का यह बयान न केवल वैज्ञानिक रूप से गलत है, बल्कि यह जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। साबुन से वायरस मरने का दावा करने वाली यह “विशेषज्ञ” भूल गईं कि हर साल हजारों लोग कुत्तों के काटने से पीड़ित होते हैं, और रेबीज से होने वाली मौतें गंभीर समस्या हैं। क्या वह सुझाव देंगी कि 37 लाख पीड़ित सिर्फ साबुन से धोकर घर चले जाएं? यह बयान न केवल हास्यास्पद है, बल्कि जानलेवा सलाह भी है।

क्या करें जब कुत्ता काटे?:

What to do when a dog bites?:
  1. काटे गए स्थान को साबुन और पानी से 10-15 मिनट तक धोएं।
  2. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और रेबीज वैक्सीन लें।
  3. देरी से बचें, क्योंकि रेबीज का इलाज लक्षण शुरू होने के बाद संभव नहीं
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