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क्या E-20 Petrol से माइलेज कम होता है? Gadkari निशाने पर हैं

भारत में E-20 पेट्रोल (E20 Petrol), जिसमें 20% इथेनॉल मिश्रित (ethanol-blended fuel) होता है, को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कई गाड़ी मालिकों और सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया है कि E-20 पेट्रोल के इस्तेमाल से गाड़ियों का माइलेज (Use of E-20 petrol reduce the mileage ) 10-20% तक कम हो रहा है और पुरानी गाड़ियों के इंजन (
Does the use of E-20 petrol damage the engine of vehicles) को नुकसान पहुंच रहा है। इसके साथ ही, उपभोक्ता यह सवाल उठा रहे हैं कि जब इथेनॉल पेट्रोल से सस्ता है, तो E-20 पेट्रोल की कीमत 100% पेट्रोल जितनी क्यों वसूली जा रही है? केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) इन आरोपों के निशाने पर हैं, जबकि सरकार और मंत्रालय इन दावों को ‘निराधार’ बता रहे हैं।

उपभोक्ताओं के दावे: माइलेज में कमी, इंजन को नुकसान

What are the disadvantages of E-20 petrol: सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने E-20 पेट्रोल के इस्तेमाल के बाद गाड़ियों की परफॉर्मेंस में कमी की शिकायत की है। एक यूजर ने दावा किया, “मेरी कार पहले E-10 पेट्रोल पर 145-148 किमी प्रति 1000 रुपये देती थी, लेकिन E-20 पर अब केवल 118 किमी दे रही है।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “E-20 पेट्रोल ने गाड़ियों का माइलेज 15-20% कम कर दिया। सरकार ‘कितना देती है’ की मानसिकता वाले मध्यम वर्ग को निशाना बना रही है।”

उपभोक्ताओं का कहना है कि E-20 पेट्रोल पुरानी गाड़ियों के लिए अनुपयुक्त है, क्योंकि ये गाड़ियां E-10 या उससे कम इथेनॉल के लिए डिज़ाइन की गई थीं। दावों के अनुसार, इथेनॉल की हाइग्रोस्कोपिक प्रकृति के कारण यह पानी अवशोषित करता है, जिससे फ्यूल सिस्टम में जंग, इंजेक्टर में रुकावट, और रबर सील्स का क्षरण हो सकता है। कई यूजर्स ने यह भी आरोप लगाया कि E-20 के कारण गाड़ियों की वारंटी प्रभावित हो रही है, क्योंकि निर्माता गैर-अनुकूल गाड़ियों में E-20 के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान को कवर करने से इनकार कर रहे हैं।

सबसे बड़ा विवाद E-20 पेट्रोल की कीमत को लेकर है। इथेनॉल की कीमत लगभग 57.97 रुपये प्रति लीटर है, जबकि पेट्रोल की कीमत 95 रुपये प्रति लीटर से अधिक है। उपभोक्ताओं का कहना है कि 20% इथेनॉल मिश्रण के बावजूद कीमतें कम क्यों नहीं की गईं? लोग कह रहे हैं कि, “सरकार गन्ने का जूस पेट्रोल के दाम में बेच रही है, जबकि माइलेज कम हो रहा है।”

नितिन गडकरी ने E-20 पेट्रोल पर क्या कहा

What did Nitin Gadkari say on E-20 petrol: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने E-20 पेट्रोल से माइलेज कम होने और इंजन खराब होने के दावों को खारिज करते हुए इसे ‘पेट्रोल लॉबी’ की साजिश बताया। उन्होंने 8 अगस्त 2025 को बिजनेस टुडे इंडिया @100 समिट (Business Today Summit) में कहा, “दुनिया में एक भी गाड़ी दिखाएं जो E-20 पेट्रोल से खराब हुई हो!” गडकरी ने दावा किया कि ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने E-20 को सुरक्षित और प्रभावी माना है।

गडकरी ने E-20 के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ पर जोर देते हुए कहा कि इथेनॉल उत्पादन से मक्के की कीमत 1,200 रुपये से बढ़कर 2,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है, जिससे किसानों को फायदा हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि इथेनॉल मिश्रण ने 2014-15 से अब तक 1.40 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाई और 1.20 लाख करोड़ रुपये किसानों को भुगतान के रूप में दिए गए। मंत्रालय ने बताया कि E-20 का उच्च ऑक्टेन रेटिंगआधुनिक इंजनों के लिए बेहतर प्रदर्शन देता है।

क्या सबूत है कि E-20 पेट्रोल नुकसानदायक है?

हालांकि उपभोक्ताओं और कुछ ऑटोमोटिव विशेषज्ञों ने E-20 के नकारात्मक प्रभावों की बात की है, लेकिन कोई व्यापक वैज्ञानिक रिपोर्ट (E-20 Petrol scientific report) यह साबित नहीं करती कि E-20 से गाड़ियों के इंजन को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है। ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (IIP), और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने 100,000 किमी तक E-20 पर गाड़ियों का परीक्षण किया और पाया कि पावर, टॉर्क, या माइलेज में कोई ‘सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण अंतर’ नहीं है।

हालांकि, एक गैर-सरकारी सर्वेक्षण में 36,000 से अधिक उपभोक्ताओं ने हिस्सा लिया, जिसमें 11% ने 20% से अधिक माइलेज कमी, 22% ने 15-20% कमी, और 11% ने 10-15% कमी की शिकायत की। यह सर्वेक्षण 2022 या उससे पहले की गाड़ियों पर केंद्रित था। ऑटोमोटिव विशेषज्ञों ने भी चेतावनी दी है कि इथेनॉल की हाइग्रोस्कोपिक प्रकृति पुरानी गाड़ियों में जंग और रबर पार्ट्स के क्षरण का कारण बन सकती है, जिसके लिए 20,000-30,000 किमी के बाद रखरखाव जरूरी हो सकता है।

E-20 पेट्रोल की कीमत भी विवादित

उपभोक्ताओं का कहना है कि इथेनॉल की कम लागत (ethanol cost ₹57.97/litre) के बावजूद E-20 की कीमत शुद्ध पेट्रोल (petrol price ₹95/litre) के बराबर है। विशेषज्ञों के अनुसार, 15% इथेनॉल मिश्रण से पेट्रोल की कीमत 3.5-5.1 रुपये प्रति लीटर कम हो सकती है, लेकिन तेल कंपनियां इसका लाभ उपभोक्ताओं को नहीं दे रही हैं। कुछ ने गडकरी के बेटे निखिल गडकरी (Nikhil Gadkari) की कंपनी CIAN Agro के इथेनॉल उत्पादन (ethanol production) में शामिल होने को लेकर हितों के टकराव (conflict of interest) का आरोप भी लगाया है।

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