एमपी। रीवा के श्यामशाह मेडिकल कॉलेज समेत एमपी के डॉक्टरों ने अमानक दवाओं की होली जला कर अपना आक्रोष व्यक्त किए है। डॉक्टरों ने कहां कि अमानक स्तर की दवाओं का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है और मेडिकल चिकित्सा के लिए घातक है। सरकार इस पर अंकुश लगाए अन्यथा इसके परिणाम अच्छे नही होगे। डॉक्टर पुष्पेन्द्र शुक्ला ने बताया कि डॉक्टर अपनी जायज मांगो को लेकर संकेतिक हड़ताल कर रहे है। उसी के तहत आज दूसरे दिन अमानक दवाओं की होली जलाई गई है। उन्होने कहां कि डॉक्टर शांति पूर्वक तरीके से अपनी मांगो को अभी रख रहे है, लेकिन अभी तक शासन स्तर से कोई निराकरण नही हुआ है।
एमपी के 15 हजार डॉक्टर हड़ताल पर
एमपी के सभी मेडिकल कॉलेजों के तकरीबन 15 हजार डॉक्टर संकेतिक आंदोलन कर रहे है और पहले दौर में उन्होने काली पट्रटी लगाकर विरोध प्रदर्शन किए थें। दूसरे दिन उन्होने अमानक दवाओं की होली जलाई है। डॉक्टरों का कहना है कि सरकार उनकी मांगो को नही मानती है तो वे ओपीडी में काम बंद करेगे और फिर आंदोलन तेज करते हुए काम बंद हड़ताल भी कर सकते है।
ये है मांगे
डॉक्टर पुष्पेन्द्र शुक्ला ने बताया कि डॉक्टरों की जो मांगे है उनमें ज्यादातर मांगे कैबिनेट से मान ली गई है, लेकिन अधिकारी इसे रोक कर रखे हुए है। उन्होने बताया कि डॉक्टरों की मांग है कि उन्हे भी 7वें वेतनमान का लाभ दिया जाए, अमानक दवाओं पर रोक लगाई जाए एवं डॉक्टरों की सुरक्षा समेत अन्य प्रमुख बिन्दुओं पर शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करा रहे है।
एमपी में डॉक्टरों ने अमानक दवाओं का किया विरोध, कहां…
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