Doctors at Mauganj Civil Hospital referred him to Rewa without examination: मऊगंज जिले के देवतालाब क्षेत्र की 9 महीने की गर्भवती महिला विमलेश सौधिया की प्रसव के बाद मौत से क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही एक बार फिर बेनकाब हुई है। परिजनों का आरोप है कि सिविल अस्पताल मऊगंज ने तुरंत रीवा संजय गांधी अस्पताल रेफर कर दिया, जबकि समय कम था। इसके बाद देवतालाब के शंकर अस्पताल में ₹2000 एडवांस लेकर ऑपरेशन किया गया, लेकिन पोस्ट-ऑपरेशन देखभाल में चूक के चलते महिला की तबीयत बिगड़ी और अस्पताल की एंबुलेंस में प्रयागराज ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।
परिजनों का दर्दनाक बयान
परिजन कैलाश चंद्र सौधिया ने बताया, “108 एंबुलेंस से मऊगंज सिविल अस्पताल लाए, डॉक्टरों ने बिना जांच के रीवा रेफर कर दिया। दर्द असहनीय था, इसलिए शंकर अस्पताल ले गए। वहां ₹2000 जमा करवाकर ऑपरेशन किया। बच्चा स्वस्थ पैदा हुआ, लेकिन 2-3 घंटे बाद महिला की हालत बिगड़ी। अस्पताल वाले अपनी एंबुलेंस से प्रयागराज ले गए, लेकिन ऑक्सीजन, सिलेंडर या कोई मेडिकल सुविधा नहीं थी। चाकघाट से पहले नारी के पास मौत हो गई।”परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने मृतका को घर छोड़कर भाग गए। लौर थाने में FIR दर्ज कराई गई। पुलिस ने पंचनामा बनाकर शव मऊगंज सिविल अस्पताल भेजा पोस्टमॉर्टम के लिए। परिजनों का कहना है, “पोस्टमॉर्टम के बाद शव वाहन तक नहीं मिला, प्राइवेट गाड़ी से ले जाना पड़ा।”
जांच और कठोर कार्रवाई
परिजनों ने शंकर अस्पताल की जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है, “गरीबों की जान से खिलवाड़ बंद हो। कितने मासूम ऐसे ही मरते रहेंगे?” बच्चा फिलहाल स्वस्थ है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
