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Neeraj Chopra Groin Injury : कितना जानते हैं ग्रोइन इंजरी के बारे में… नीरज चोपड़ा भी थे परेशान 

Neeraj Chopra Groin Injury : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की मेजबानी कर रहें एथलीट नीरज चोपड़ा ने रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। 26 वर्षीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा खेल के दौरान ग्रोइन इंजरी से पीड़ित रह चुके हैं। आप जानते हैं ग्रोइन इंजरी क्या होती है? अगर नहीं तो इस लेख में हम आपको ग्रोइन इंजरी से जुड़ी सभी जानकारी बताएंगे। ग्रोइन इंजरी क्या होती है और इससे होने वाली समस्याओं से कैसे निपटना चाहिए।

क्या होती है ग्रोइन इंजरी ? (Neeraj Chopra Groin Injury)

ग्रोइन इंजरी को समझने के लिए ग्रोइन क्या है यह समझना जरूरी है। ग्रोइन शरीर के उस हिस्से को कहते हैं जहां पेट का निचला और जननांग के आसपास व जांघों की मांसपेशियां मिलती हैं। इन्हीं मांसपेशियों में जब चोट लगती है तो ग्रोइन स्ट्रेन की समस्या हो जाती है। फिटनेस एक्सपर्ट और फिजियोथेरेपिस्ट डॉ जोहैब काजी कहती हैं कि ग्रोइन इंजरी या ग्रोइन स्ट्रेन जांघों के शीर्ष हिस्से को प्रभावित करता है।

क्यों होता है ग्रोइन इंजरी ?

ग्रोइन इंजरी मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव और दबाव के कारण होता है। क्योंकि ये मांसपेशियां हजारों छोटे-छोटे रेशों से मिलकर बनती है। ये सभी मांसपेशियां आपस में बुनी होती है। यही रेशें खिंचते हैं और दबते हैं। ये रेशें शरीर को हिलने-डुलने में मदद करते हैं। कई बार जब शरीर में बाहरी क्रिया होती है तो शरीर के हिलने-डुलने से किसी मांसपेशी पर अधिक खिंचाव होता है। तब उस मांसपेशी में स्ट्रेन या इंजरी हो जाती है।

ग्रोइन इंजरी में रहती है सूजन  (Neeraj Chopra Groin Injury)

ग्रोइन इंजरी से पैर या कूल्हे को हिलाने में दिक्कत होती है। इसमें मांसपेशियों में सूजन और ऐंठन भी रहती है, जो काफी दर्द करती हैं। कई बार यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि ग्रोइन इंजरी से पीड़ित व्यक्ति को सर्जरी कराने की आवश्यकता पड़ जाती है। इसलिए जब भी कूल्हे, पैर या जांघ के पास दर्द महसूस हो तो तुरंत किसी फिजियोथेरेपिस्ट को दिखाएं।

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खिलाड़ियों में ग्रोइन स्ट्रेन का खतरा अधिक

फिजियोथेरेपिस्ट डॉ जोहैब काजी बताती हैं कि खिलाड़ियों में ग्रोइन की समस्या होने का खतरा अधिक रहता है। क्योंकि खिलाड़ी फिजिकल वर्क अधिक करते हैं। ग्रोइन इंजरी या स्ट्रेन में दर्द अधिक होता है। इसी ग्रोइन की समस्या से 26 वर्षीय भाला फेंक (जैवलिन फेंक) खिलाड़ी नीरज चोपड़ा  (Neeraj Chopra Groin Injury) भी पीड़ित हैं। जैवलिन फेंकते समय आखिरी के चरणों में ग्रोइन और एडक्टर मांसपेशियों पर दबाव काफी अधिक हो जाता है, इसमें मांसपेशियों में चोट लगने और उनके फटने का खतरा बढ़ जाता है।

नीरज चोपड़ा ने बताया ग्रोइन स्ट्रेन का अनुभव  (Neeraj Chopra Groin Injury)

पैरिस ओलिंपिक 2024 में भाला फेंक खेल रजत पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा लंबे समय से एडक्टर स्ट्रेन से पीड़ित है। नीरज चोपड़ा ओलिंपिक खेल में भाग लेने के दौरान भी एडक्टर स्ट्रेन के दर्द से गुजर रहें हैं। इसी समस्या के चलते नीरज चोपड़ा ने ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक 2024 में हिस्सा न लेने का फैसला किया था। वहीं एथलीट नीरज चोपड़ा ने पैरिस ओलिंपिक 2024 के खेलों में भाग भी लिया और रजत पदक भी जीता। जबकि वह इस दौरान ग्रोइन इंजरी के डर से भयभीत थे। उन्होंने बताया कि जेवल थ्रो के बीच उनके दिमाग में ग्रोइन इंजरी का डर चल रहा था।

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नीरज चोपड़ा ने मीडिया को बताया, “मैच के दौरान मेरे दिमाग में लगातार ये बना हुआ था कि कहीं फिर से इंजरी न हो जाए। 60 फीसदी दिमाग इसी में लगा हुआ है। असली थ्रो तभी होता है जब आपके दिमाग से ये डर निकल जाए। ग्रोइन इंजरी ने मुझे बहुत परेशान किया है। मुझे उम्मीद है कि जल्दी ही इस डर को भी मैं मात दे पाऊंगा और देश के लिए और बेहतर प्रदर्शन करूंगा।”

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