Income tax filing 2025-26: Income Tax भरने का सीज़न शुरू हो गया है ऐसे में जो भी कर दाता हैं उन्हें Tax भरना होता है. ऐसे में अगर आप भी इनकम टैक्स फाइलिंग को लेकर परेशान है तो अब आपकी परेशानी खत्म होने वाली है. आज हम आपको बताने वाले है (ITR Filing Tips)आप बिना किसी झंझट के टैक्स फाइल कैसे कर सकते है और इसके लिए आपको कौन से फार्म भरने होंगे और किस किस डॉक्युमेंट की जरूरत पड़ेगी. तो चलिए शुरू करते हैं….
किन फॉर्म की होगी जरूरत
गौरतलब है कि, देश में करोड़ों आयकर रिटर्न फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी खबर आईं है. जी हां 11 मई को इनकम टैक्स विभाग ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए सभी 7 ITR फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है. आयकर विभाग ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए सभी ITR फॉर्म (ITR-1 से लेकर ITR-7 तक) जारी कर दिए हैं. छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए ITR-1 और ITR-4 को 29 अप्रैल को और ट्रस्ट आदि के लिए ITR-7 को 11 मई को नोटिफाई किया गया है.
ITR Form के बारे में जानें
ITR फॉर्म के बारे में आपको जानना बेहद जरूरी है जी हां ITR1, ITR2, ITR3 और ITR 4 के लिए नियमों में क्या बदलाव हुए हैं. उनके बारे में भी जानना जरूरी है. बता दें कि ITR भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है, जिनका ऑडिट नहीं होता है.
ITR 1 और ITR 4 Tax Eligibility
नए नियम के अनुसार, यदि (ITR Filing Tips) आप इक्विटी या इक्विटी म्यूचुअल फंड से जुड़े हैं और टैक्स पेयर है, साथ ही अगर आप लॉग टर्म इन्वेस्टमेंट में 1.25 लाख रुपए का प्रॉफिट कमाते हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आपको ITR 1 और ITR 4 फॉर्म का प्रयोग करना होगा. इससे पहले ITR 2 और ITR 3 का उपयोग किया जाता था और टैक्स बेनिफिट 1.25 लाख की जगह केवल 1 लाख रुपए था.
Aadhaar Enrolment ID
Income tax return में अब ITR 1, ITR 2, ITR 3 और ITR 5 में आधार एनरॉल्टमेंट आईडी का कॉलम हटा दिया गया है.
Section 206 AB और 206 CCA को भी हटाया गया
Section 206 AB और 206 CCA को हटा दिया गया है, अब टैक्स कटौती करने वालों और टैक्स कलेक्ट करने वालों को कम समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.
सेक्शन 87A
गौरतलब है कि, वित्त मंत्री ने फरवरी में बजट पेश करने के दौरान 87A के तहत छूट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया था. जिसके तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा. अगर आपकी इनकम ज्यादा है और आप कई डिडक्शन क्लेम करते हैं, तो आपके लिए पुराना सिस्टम सही हो सकता है.
ITR फॉर्म भरने में गलती ना करें
यदि आपने गलती से गलत फॉर्म भर दिया है तो आपको काफी नुकसान हो सकता है. जानकारी के अनुसार, गलत ITR फॉर्म भरने से आपकी रिटर्न को Defective मान लिया जाता है. हमेशा इनकम सोर्स के अनुसार सही फॉर्म चुनकर ही फॉर्म भरें. चलिए बताते हैं कौन सा फॉर्म किसे कैसे भरना है….
ITR-1: अगर आपकी आय सैलरी, एक घर से किराया/इनकम और ब्याज हो, कुल आय ₹50 लाख तक.
ITR-2: अगर आपके पास कैपिटल गेन (शेयर/प्रॉपर्टी बेचने से मुनाफा), एक से ज्यादा प्रॉपर्टी या विदेश से आय हो.
ITR-3: जिनका बिजनेस या प्रोफेशन (जैसे डॉक्टर, वकील) से कमाते हैं.
ITR-4: छोटे व्यापारी या प्रोफेशनल जो Presumptive Taxation स्कीम चुनते हैं और जिनकी आय ₹50 लाख तक है.
Documents for ITR Filing
Form 16: नौकरी करने वालों को मिलता है, इसमें सैलरी और TDS की जानकारी होती है.
Form 26 AS और AIS: आपके ऊपर कितना टैक्स कटा है और आपकी अन्य इनकम की जानकारी.
Bank Statement/Interest Certificate: FD या सेविंग अकाउंट पर मिला ब्याज.
Investment proof: PPF, LIC, ELSS आदि में निवेश के प्रमाण.
रेंट रसीद, कैपिटल गेन स्टेटमेंट: अगर लागू हो तो.
PAN और आधार कार्ड: जरूरी डॉक्युमेंट्स.
ITR Filing में रखें इन बातों का ख्याल
आपको यह बता दें की आपको पुरानी या नई व्यवस्था का चुनाव समझदारी से करना होगा: अगर आपने PPF, LIC आदि में निवेश किया है तो पुरानी व्यवस्था फायदेमंद हो सकती है. अगर ज्यादा कटौतियां नहीं हैं, तो नई व्यवस्था चुनें टैक्स स्लैब कम हैं. जल्दी फाइल करें और आखिरी वक्त की जल्दबाजी से बचें और समय पर फॉर्म भरें. ई-वेरिफिकेशन जरूर करें साथ ही आधार OTP, नेट बैंकिंग या ई-वेरिफिकेशन से रिटर्न को सही तरीके से जमा करें. ताकि आगे कोई समस्या न आने पाए.
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