Site icon SHABD SANCHI

क्या बाप की Property पर हमेशा होता है बेटियों का हक? जानें इससे जुड़े सभी अधिकार

अक्सर लोगों के जेहन में यह सवाल आता है कि आखिर बेटी को अपने पिता की संपत्ति पर हक मिलता है या नहीं और अगर मिलता है तो कितना मिलता है सब कुछ बताएंगे…

बेटे को अपने माँ बाप की संपत्ति पर हक मिलता है या नहीं यह तो सभी जानते हैं लेकिन क्या कभी आपने सोचा है की बेटी को अपने पिता की संपत्ति पर कितना हक मिलता है, अगर नहीं आज आपको हम बताने वाले हैं कि आखिर बेटी को कितना क्या मिलता है. बेटियों को अपने पिता की संपत्ति पर हक कब मिलता है और कब नहीं मिलता है, यह भारतीय हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम में 2005 के संशोधन से जुड़ा हुआ है. आइए इसे आपको अच्छे से समझाते हैं.

Hindu Succession (Amendment) Act, 2005

गौरतलब है कि, 2005 में हिन्दू उत्तराधिकार एक्ट में संशोधन हुआ था और उसके बाद बेटियों को भी पिता की संपत्ति पर बराबरी का हक मिल गया है. इसका मतलब साफ साफ यह है कि अगर बेटियां 2005 के बाद पैदा हुई हैं, तो उन्हें पिता की पुस्तैनी (ancestral property) संपत्ति में बेटे के समान ही हिस्सा मिलता है.

अगर शादीशुदा हैं बेटियां तब क्या होगा

इस संसोधन के बाद, बेटियों को पिता की संपत्ति में बराबरी का अधिकार होता है, चाहे वे शादीशुदा हों या अविवाहित इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है साथ ही बेटियां संपत्ति के हिस्से का मालिक बनने के बाद उसे किराये पर या बेच भी सकती हैं या चाहें तो अपनी संपत्ति को ना लेकर, दान कर सकती हैं या उस पर किसी भी प्रकार का अधिकार रख सकती हैं. बेटियां संपत्ति के अपने हिस्से पर स्वतंत्र रूप से अधिकार रखती हैं, इसके मायने साफ हैं, कि वे इसे किसी अन्य को देने, बेचने या उधार देने का अधिकार रखती हैं.

कब बेटियां इसका अधिकार नहीं रखती

अब सबसे बड़ा सवाल यह आता है की आख़िर बेटियां अपने पिता की संपत्ति पर कब अधिकार नहीं होता है तो आपको बताएं अगर बेटियां 2005 से पहले पैदा हुई थीं, तो उन्हें पुस्तैनी संपति पर अधिकार नहीं मिलता है. साथ ही अगर पिता वसीयत में ये लिख दें कि बेटियों को संपत्ति नहीं देना है, ऐसी स्थिति में भी बेटियों का अधिकार नहीं होता है.

Exit mobile version