Diwali UNESCO Cultural Heritage: यूनेस्को की इंटैंगिबल कल्चरल हेरिटेज लिस्ट में शामिल हुई ‘दिवाली’

यूनेस्को की इंटैंगिबल कल्चरल हेरिटेज लिस्ट में शामिल हुई दिवाली

भारत के सबसे बड़े त्योहार दीपावली (Diwali) को अब यूनेस्को (UNESCO) की इंटैंगिबल कल्चरल हेरिटेज ऑफ ह्यूमैनिटी (Diwali UNESCO Intangible Cultural Heritage of Humanity) लिस्ट में शामिल कर लिया गया है। 10 दिसंबर 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यह उपलब्धि भारत की सांस्कृतिक विरासत (Cultural Heritage) को ग्लोबल स्टेज पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह भारत के लिए एक और गर्व का क्षण (Moment of Pride For India) है.

इंटैंगिबल कल्चरल हेरिटेज का मतलब उन सांस्कृतिक प्रथाओं, ज्ञान, और परंपराओं से है, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी (Generation to Generation) ट्रांसफर होती हैं। यूनेस्को की इस लिस्ट में दुनिया भर की 600 से अधिक प्रथाएं शामिल हैं, और अब दीपावली इस लिस्ट में शामिल हो गई है।

दीपावली, जिसे “फेस्टिवल ऑफ लाइट्स” (Festival of Lights) के रूप में जाना जाता है, हिंदू, जैन, और सिख समुदायों द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश (Light over Darkness), बुराई पर अच्छाई (Good over Evil), और ज्ञान पर अज्ञान (Knowledge over Ignorance) की जीत का प्रतीक है। यूनेस्को ने दीपावली को इस लिस्ट में शामिल करने के लिए इसके सांस्कृतिक महत्व और ग्लोबल इंपैक्ट को माना।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ट्वीट करते हुए कहा, “दीपावली को यूनेस्को की इंटैंगिबल कल्चरल हेरिटेज लिस्ट में शामिल होना भारत के लिए एक और गर्व का क्षण है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत को ग्लोबल स्टेज पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।” वहीं, केंद्रीय संस्कृति मंत्री (Union Culture Minister) गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने कहा, “यह उपलब्धि भारत की सांस्कृतिक पहचान (Cultural Identity) को और मजबूत करेगी।”

दीपावली अब यूनेस्को की लिस्ट में शामिल होने वाली 16वीं भारतीय प्रथा (16th Indian Practice) है, जिसमें योग (Yoga), नवरात्रि (Navratri), और कोहिमा स्टोन गेम्स (Kohima Stone Games) भी शामिल हैं। यह लिस्ट दुनिया भर में सांस्कृतिक विविधता (Cultural Diversity) को संरक्षित (Preserve) करने की दिशा में काम करती है।

सांस्कृतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाएगी। डॉ. अर्चना शर्मा (Dr. Archana Sharma), एक सांस्कृतिक इतिहासकार, ने कहा, “दीपावली को इस लिस्ट में शामिल होना भारत की सांस्कृतिक विरासत को ग्लोबल स्टेज पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

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