MP News: सीएम ने कहा कि कई मजरे, टोले और पंचायतों के लोगों को जिला, संभाग, तहसील, विकासखंड जैसे मुख्यालयों तक पहुँचने के लिए 100 से 150 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है. जबकि ऐसे क्षेत्रों से दूसरे जिले, संभाग, विकासखंड और तहसील मुख्यालय नजदीक हैं. कई संभाग बड़े-छोटे हो गए हैं. ऐसे विसगतियां दूर करने के लिए नया परिसीमन आयोग बनाया गया है.
मध्यप्रदेश में संभागों, जिलों और तहसीलों का सीमांकन नए सिरे से किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने परिसीमन आयोग का गठन किया है. तीन सदस्यीय आयोग का अध्यक्ष रिटायर्ड एसीएस मनोज श्रीवास्तव को बनाया गया है. सदस्यों के नाम पर फैसला बाद में लिया जाएगा। आम लोग इस सुझाव को अपने क्षेत्र की प्रशासनिक संरचना को लेकर सुझाव दे रहे हैं. सीएम डॉ. मोहन यादव ने सोमवार, 9 सितंबर को बीना रवाना होने से पहले एक वीडियो जारी कर यह जानकारी दी है.
सीएम ने कहा कि कई मजरे, टोले और पंचायतों के लोगों को जिला, संभाग, तहसील, विकासखंड जैसे मुख्यालयों तक पहुँचने के लिए 100 से 150 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है. जबकि ऐसे क्षेत्रों से दूसरे जिले, संभाग, विकासखंड और तहसील मुख्यालय नजदीक हैं. कई संभाग बड़े-छोटे हो गए हैं. ऐसे विसगतियां दूर करने के लिए नया परिसीमन आयोग बनाया गया है. इसके माध्यम से नजदीकी जिला मुख्यालय से जोड़कर जनता की सुविधा के लिए जो अच्छा हो सकता है, वो करना है. सीएम ने कहा कि अपर मुख्य सचिव स्तर के रिटायर्ड अधिकारी मनोज श्रीवास्तव को आयोग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है.
सागर, उज्जैन, इंदौर, धार जैसे कई बड़े जिले हैं, जहां कई कठिनाइयां हैं. जैसे बीना में रिफाइनरी बन गई, यह बड़ा स्थान हो गया। आने वाले समय में यहां युक्तिकरण के माध्यम से विचार किया जाएगा। जैसे हमने पुलिस थानों की सीमाएं बदली थीं और जनता को थानों के नजदीक पहुंचाने का प्रयास किया था, उसी प्रकार से प्रशासनिक दृष्टि से यह निर्णय भी कारगर सिद्ध होगा।
लोकसभा चुनाव में अटकी रहीं नियुक्तियां
27 फरवरी 2024 को कैबिनेट मीटिंग में प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग बनाने का फैसला किया गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते नियुक्तियां नहीं हो पाई थीं. अब यह आयोग एक साल के लिए काम करेगा। जिलों का दौरा कर सुझाव लेने के बाद शासन को रिपोर्ट देगा।