रीवा में बोले जिला न्यायाधीश, महिलाओं की स्वतंत्रता और प्रगति से बढ़ेगा समाज

रीवा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं महिला बाल विकास विभाग तथा अहिंसा वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रीवा में किया गया। कार्यशाला में जिला न्यायाधीश सुधीर सिंह राठौड ने अपने उद्बोधन मे पॉक्सो, व महिलाओं के संबंध में विधियों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाओं की स्वतंत्रता और प्रगति से ही समाज की प्रगति होती है। यह कार्यशाला प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश मोहन प्रधान के मार्गदर्शन में आयोजित की गई थी।

यौन प्रताड़ना में पॉक्सो एक्ट में कड़े प्रावधान

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण समीर कुमार मिश्र ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम व पॉक्सो अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि बालक-बालिकाओं के साथ यौन प्रताड़ना के संबंध में पॉक्सो में कड़े प्रावधान किए गए हैं जो कि बालक-बालिकाओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। जिला विधिक सहायता अधिकारी अभय कुमार मिश्रा ने निःशुल्क विधिक सहायता योजना के बारे में जानकारी दी। एसडीओपी उमेश प्रजापति एवं नगर पुलिस अधीक्षक रीतु उपाध्याय ने सायबर क्राईम के बारे में जानकारी दी। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी मिश्र ने बाल कल्याण समिति से संबधित प्रावधानों के बारे में बताया। बालकल्याण समिति के सदस्य श्रीमती प्रवीण मिश्रा, श्रीमती विभा द्विवेदी ने भी बालक अधिकारों के बारे में प्रकाश डाला। माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय की छात्रा शबा रसूल ने बाल विवाह के रोकथाम के लिए एकल नाटिका प्रस्तुत की।

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