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अमेरिकन EVM और भारतीय EVM में क्या फर्क है? कांग्रेस जनता से झूठ बोल रही

What is the difference between American EVM and Indian EVM: देश में 11 सालों से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी सिर्फ एक ही रोना रो रहे हैं ‘मोदी ने EVM हैक कर ली’. चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में यह साबित हो चुका है कि भारतीय चुनाव में इस्तेमाल होने वाली EVM हैक नहीं हो सकती। फिर भी कांग्रेस पार्टी देश की जनता से झूठ बोलने से बाज़ नहीं आ रही है, Congress EVM के नाम पर जनता को बरगलाने की कोशिश कर रही है.

हाल ही में अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी की अध्यक्ष तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard EVM) ने अमेरिकी चुनाव में इस्तेमाल होने वाली EVM के हैक होने के सबूत मिलने की बात कही. तुलसी गबार्ड ने कहा कि हमारे पास EVM हैक होने के सबूत हैं.

https://twitter.com/JournoAbhijeet/status/1910618692787777751

गबार्ड द्वारा ऐसा दावा करने के बाद US में खलबली मच गई लेकिन भारत में कांग्रेस ने इसका मुद्दा ही बना दिया। लोग कहने लगे कि Rahul Gandhi का EVM पर आरोप सही है अब तो तुलसी गबार्ड भी बोल रही हैं. लेकिन तुलसी गबार्ड राहुल गांधी की तरह चुनाव हारने के बाद यह दावा अपनी हार छुपाने के लिए नहीं कर रही हैं. उनके पास EVM हैक होने के सबूत हैं और राहुल गांधी सिर्फ हवा हवाई बातें कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी सिर्फ आरोप लगा रही है ना तो उन्होंने कोई जांच की है न हैक करके दिखाया है सिर्फ और सिर्फ झूठे दावे किए जा रहे हैं.

भारत की EVM अमेरिकी EVM की तरह हैक नहीं हो सकती

नेटवर्क कनेक्टिविटी

वोटर वेरिफिकेशन और पेपर ट्रेल

सुरक्षा विशेषताएँ

पारदर्शिता और विश्वास

लागत और रखरखाव

हैकिंग की संभावना पर निष्कर्ष

भारत की EVM क्यों हैक नहीं हो सकती

अमेरिकन EVM और भारतीय EVM में क्या फर्क है

What is the difference between American EVM and Indian EVM: 
विशेषताभारतीय EVMअमेरिकी EVM
कनेक्टिविटीपूरी तरह ऑफलाइन, कोई नेटवर्क नहींकुछ ऑनलाइन, मॉडम/नेटवर्क यूज़
डिज़ाइनस्टैंडअलोन, साधारण चिपटचस्क्रीन, जटिल सॉफ्टवेयर
पेपर ट्रेलVVPAT अनिवार्य, ऑडिट के लिएकुछ में नहीं, ऑडिट मुश्किल
सुरक्षाहार्ड-कोडेड, छेड़छाड़ मुश्किलसॉफ्टवेयर, हैकिंग जोखिम
एकरूपतापूरे देश में एक जैसीहर राज्य में अलग-अलग
लागतसस्ती, कम रखरखावमहँगी, ज्यादा रखरखाव
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