अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत अब रूस से तेल आयात (India will not import oil from Russia) नहीं करेगा। यह बयान 15 अक्टूबर 2025 को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया गया, जिसमें ट्रम्प ने इसे “पुतिन को अलग-थलग करने का बड़ा कदम” बताया। हालांकि, भारत सरकार ने अभी तक इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्रम्प के दबाव (US pressure on India) में यह फैसला लिया गया है या यह एक स्वतंत्र नीति है।
हालांकि, सितंबर 2025 के ट्रेड डेटा के अनुसार, रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता (Russia India oil trade) बना हुआ है, जो कुल आयात का 34% है। ट्रम्प ने कहा, “मैंने पीएम मोदी से इस मुद्दे पर बात की, और उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया कि वे रूस से तेल लेना बंद कर देंगे, जो पुतिन के युद्ध को फंडिंग कर रहा था।” लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने अभी तक कोई औपचारिक कदम नहीं उठाया है, और यह दावा अतिशयोक्तिपूर्ण हो सकता है (India Russia energy ties).
क्या भारत ने रूस ने तेल खरीदना बंद कर दिया?
Has India stopped buying oil from Russia: इस बीच, अगर भारत सचमुच रूस से तेल आयात बंद करता है, तो रूस के साथ उसके संबंधों में तनाव (India-Russia relations strain) पैदा हो सकता है। रूस भारत का पारंपरिक सैन्य और ऊर्जा साझेदार (Russia India defense partnership) रहा है, और इस कदम से मास्को के साथ आर्थिक और कूटनीतिक रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं। कुछ विश्लेषकों का अनुमान है कि यह फैसला हो सकता है कि पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत (Modi-Putin talks) के बाद लिया हो, ताकि रूस के साथ संबंधों को नुकसान (bilateral ties damage) न पहुंचे। पुतिन के साथ हाल की बैठक में दोनों नेताओं ने ऊर्जा सहयोग (energy cooperation) को मजबूत करने की बात कही थी, जो इस कदम को जटिल बनाता है।
भारत के लिए रूस से सस्ता तेल (cheap Russian oil) एक आर्थिक लाभ रहा है, जिसने पिछले तीन वर्षों में ₹17 बिलियन की बचत की है। लेकिन अगर ट्रम्प के दबाव में यह नीति बदली, तो भारत को वैकल्पिक स्रोतों (alternative oil suppliers) की तलाश करनी पड़ेगी, जो लागत बढ़ा सकती है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की ऊर्जा नीति (India energy policy) स्वतंत्र और रणनीतिक है, और किसी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होगी। अब इस मुद्दे पर सभी की नजरें भारत के अगले कदम पर टिकी हैं (India foreign policy stance).
MEA के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 16 अक्टूबर 2025 को कहा, “भारत की ऊर्जा नीति स्वतंत्र और रणनीतिक है (India energy policy autonomy), और यह किसी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होती। ट्रम्प के दावे में कोई सच्चाई नहीं है कि PM मोदी ने रूस से तेल आयात बंद करने का आश्वासन दिया। हम अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए विविध स्रोतों पर निर्भर हैं।” यह बयान ट्रम्प के दावे को खारिज करता है और भारत की रूस के साथ ऊर्जा साझेदारी (India-Russia energy ties) को बरकरार रखने की मंशा दर्शाता है।
