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Dharmendra Bollywood Best Dialogue: धर्मेंद्र की वह डायलॉग जिनसे धर्मेंद्र को मिली बॉलीवुड के असली ही-मैन की पहचान

Dharmendra Bollywood Best Dialogue

Dharmendra Bollywood Best Dialogue

Dharmendra Bollywood Best Dialogue: हिंदी में सिनेमा जगत में जब भी दमदार, कड़क और मर्दाना आवाज की बात होगी तो धर्मेंद्र का नाम सबसे पहले लिया जाएगा। जी हां, धर्मेंद्र ऐसे कलाकार है जो दिल छू लेने वाले इमोशंस के साथ दमदार डायलॉग डिलीवर करते हैं।धर्मेंद्र केवल एक अभिनेता नहीं बल्कि वह अपने आप में ही एक पूरा युग हैं। 60 के दशक से लेकर 90 के दौर तक धर्मेंद्र ने ऐसी ऐसी मूवीस में काम किया है जिनके डायलॉग आज भी दर्शकों द्वारा दोहराए जाते हैं।

Dharmendra Bollywood Best Dialogue

धर्मेन्द्र के क्लासिक डायलॉग जिसे लोग आज भी स्टाइल में दोहराते हैं

जी हां, भले ही धर्मेंद्र आज हमारे बीच नहीं है परंतु अपने अभिनय और अपने एवरग्रीन डायलॉग की वजह से धर्मेंद्र हमेशा हमारे दिलों पर राज करेंगे। जब बात होगी शोले, चुपके-चुपके, धर्मवीर, प्रतिज्ञा, यादव की बारात, अनपढ़ जैसी मूवीस की तो लोग धर्मेंद्र को सच्ची श्रद्धांजलि देंगे। धर्मेंद्र ने वह दौर दिया है जब एक दमदार डायलॉग पूरी फिल्म की पहचान बन जाता था और उन्होंने इसी कल्चर में ऐसे डायलॉग बोले हैं जिसकी वजह से उन्हें ही-मैन और एक्शन किंग का खिताब मिल चुका है। और आज हम आपको धर्मेंद्र के 7 सबसे यादगार डायलॉग और उनके इंपैक्ट बताने वाले है।

बॉलीवुड के ही-मैन धर्मेंद्र के 7 आईकॉनिक डायलॉग

‘बसंती इन कुत्तों के सामने मत नाचना’

शोले मूवी का यह डायलॉग केवल एक साधारण वाक्य नहीं बल्कि भारतीय सिनेमा का इतिहास है। वीरू के तेवर और प्यार दोनों को दिखाता हुआ यह डायलॉग धर्मेंद्र के गुस्से और भावना का मिला-जुला प्रतीक है।

‘कुर्सी बड़ी नहीं होती आदमी बड़ा होता है’

अनपढ़ फिल्म का यह डायलॉग एक सशक्त लाइन है जिसमें धर्मेंद्र ने अपनी ईमानदार हीरो वाली छवि को मजबूत किया और जमकर वाहवाही लूटी।

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‘जो डर गया समझो मर गया’

शोले मूवी का यह डायलॉग दर्शकों के बीच काफी मोटिवेशनल साबित हुआ, इसकी वजह से धर्मेंद्र उर्फ विरू के अलग स्टाइल को सराहा गया।

‘हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती’

प्रतिज्ञा मूवी में एक्शन हीरो का किरदार निभाते हुए धर्मेंद्र ने इस डायलॉग को बोला और यह डायलॉग लोगों की जबान पर इस तरह चढ़ा की यह प्रेरणादायक संवाद बन गया।

‘मैं वो तूफान हूं जिसके आगे पहाड़ भी सर झुका दे’

रोटी कपड़ा और मकान जैसी ऐतिहासिक मूवी का यह डायलॉग धर्मेंद्र की ताकतवर पर्सनालिटी को दिखाता है।

‘यह हाथ नहीं हथोड़ा है’

शोले का यह डायलॉग एक ऐसी क्लासिक पंच लाइन है जिसे दर्शक आज भी बोलते हैं। यहां तक की धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल ने भी इस डायलॉग का इस्तेमाल अपनी फिल्मों में किया है।

‘तेरे जैसा दोस्त हो तो दुश्मन की क्या जरूरत’

धर्मेंद्र का यह डायलॉग यादों की बारात का है। इस फिल्म में उनकी संजीदगी और संवेदनशीलता को जोरदार सराहना मिली थी।

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